रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 नवंबर। केंद्रीय सडक़ परिवहन विभाग ने पुरानी कार, बाइक और कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट की फीस अचानक कई गुना बढ़ा दी गई है। दरअसल केंद्र, पुरानी गाडिय़ों की स्क्रैपिंग पर जोर दे रही है। वैसे स्क्रैपिंग पर सरकार छूट भी दे रही है। इस बढ़ोतरी को उसी से जोड़ कर देखा जा रहा है। फिटनेस चार्ज में बढ़ोतरी को मंत्रालय ने राजपत्र में अधिसूचित कर दिया है।
इसके मुताबिक अब वाहन मालिकों को अपनी गाडिय़ों का फिटनेस सर्टिफिकेट हर 10 वर्ष में लेना होगा। अब तक यह अवधि 15 वर्ष थी। इतना ही नहीं 10 वर्ष के बाद हर 5-5 साल में फिटनेस रिनीवल भी लेना होगा। मंत्रालय का दावा है कि यह बदलाव सुरक्षा और पर्यावरण मानकों को मजबूत करने के लिए जरूरी हैं।
सरकार ने फिटनेस टेस्ट की नई व्यवस्था को तीन वर्गों में विभाजित किया है, 10 से 15 साल, 15 से 20 साल और 20 साल से अधिक। जैसे-जैसे आपकी गाड़ी की उम्र बढ़ेगी, वैसे-वैसे फिटनेस टेस्ट का खर्च भी बढ़ता जाएगा।
सबसे ज्यादा झटका 20 साल पार कर चुकी कारों और कमर्शियल वाहनों को लगा है। एक साधारण कार के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट की नई फीस 15,000 रुपये कर दी गई है, जबकि बाइकों के लिए यह 2,000 रुपये और हैवी व्हीकल्स के लिए 25,000 रुपये हो गई है।ये रकम पहले की तुलना में लगभग 10 गुना है।


