रायपुर

डॉक्टर की लिखी दवा निर्धारित अवधि तक ही लेना चाहिए, तब तक ही प्रभावी
22-Nov-2025 6:58 PM
 डॉक्टर की लिखी दवा निर्धारित अवधि तक ही लेना चाहिए, तब तक ही प्रभावी

मेडिकल कॉलेज में एंटीबायोटिक के उपयोग पर विशेष कार्यक्रम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 22 नवम्बर। मेडिकल कॉलेज रायपुर के फार्माकोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्व एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएम?आर) जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कालेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी ने  कहा कि एंटीबायोटिक का तर्कसंगत उपयोग अत्यंत आवश्यक है। यदि एंटीबायोटिक का अनुचित या बिना आवश्यकता के प्रयोग किया जाता है, तो रेजिस्टेंस (प्रतिरोध) का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई दवा को निर्धारित अवधि तक ही लेना चाहिए, तभी दवा प्रभावी रहती है।

फार्माकोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. उषा जोशी ने बताया कि एएमआर वह स्थिति है जब बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी जैसे सूक्ष्मजीव, दवाओं (जैसे - एंटीबायोटिक्स) के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं, जिससे संक्रमण का इलाज करना मुश्किल या असंभव हो जाता है। इसी उद्देश्य को लेकर एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस अवेयरनेस वीक हर वर्ष 18 से 24 नवंबर के बीच मनाया जाता है।  उन्होंने कहा कि एंटीमाइक्रोबियल स्टीवर्डशिप एक समन्वित कार्यक्रम है, जो एंटीमाइक्रोबियल के उचित उपयोग को बढ़ावा देता है, मरीजों के उपचार परिणामों में सुधार करता है तथा मल्टीड्रग रेजिस्टेंस जीवों के प्रसार को रोकने में सहायक है।

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिखा जायसवाल ने एएम?आर के विभिन्न कारणों और उसके बचाव के तरीकों के बारे में बताया।  माइक्रोबायोलॉजी विभाग की ओर से डॉ. रूपम गहलोत ने एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस के वैश्विक भार  के बारे में बताया।

कार्यक्रम में डॉ. ओंकार खंडवाल, डॉ. शुभ्रा अग्रवाल, डॉ. नेहा श्रीवास्तव, डॉ. माया रामटेके, डॉ. संदीप अग्रवाल एवं पीजी डॉक्टरों सहित विभिन्न कक्षाओं के 250 से अधिक एमबीबीएस छात्र- छात्रा मौजूद रहे।कार्यक्रम के अंत में एंटीबायोटिक के सीमित एवं तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देने हेतु सभी प्रतिभागियों को शपथ दिलाई गई। इस दौरान चिकित्सा छात्रों के लिए पोस्टर प्रतियोगिता, क्विज़ और स्लोगन कंपटीशन का आयोजन कर समापन पुरस्कार वितरण के साथ हुआ।


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