रायपुर

12 कंप्यूटर ऑपरेटरों पर एफआईआर, 250 राशन दुकानों का आवंटन निरस्त
17-Nov-2025 7:42 PM
12 कंप्यूटर ऑपरेटरों पर एफआईआर, 250 राशन दुकानों का आवंटन निरस्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 17 नवंबर।  कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने रायपुर जिले की राशन दुकानों का आवंटन निरस्त करने का बड़ा फैसला लिया है। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद धान खरीदी में सहयोग नहीं करने वाली सहकारी समितियों द्वारा संचालित 250 राशन दुकानों का आवंटन निरस्त किया गया है. अब इन दुकानों के संचालन  ग्राम पंचायतें  करेंगी। पंचायतों से कहा गया है कि वे अपने लोगों की मदद से राशन दुकानों का संचालन करें। ड्यूटी में कर्मचारियों को वापस नहीं लौटने पर सरकार ने एक्शन लेना शुरू किया।रायपुर के पुरानी बस्ती, खरोरा, धरसींवा और तिल्दा-नेवरा थानों में दर्जनभर कर्मचारियों पर छत्तीसगढ़ अति आवश्यक सेवा संधारण व विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 के तहत केस दर्ज किया गया है?

जानकारी के मुताबिक पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में राजू दास, ओमप्रकाश माहले, विजय गुप्ता, सुवेश, आनंद सहित अन्य पर केस दर्ज किया गया है।धरसींवा में बृज मोहन देवांगन, तिल्दा में रामकुमार वर्मा और पोषण लाल धुरंधर, जबकि खरोरा में कौशल वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है? सभी कर्मचारी मंडियों में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं?

सामूहिक इस्तीफा सौंपा, कल जेल भरेंगे

 हड़ताल रत सहकारी कर्मचारियों ने आज सामूहिक इस्तीफा सौंपा।  ये इस्तीफे संभागवार सौंपे गए। 4 मांगों को लेकर तीन नंबर से चल रही हड़ताल  का आज 15 दिन है। कर्मचारी आज 17 नवंबर को  सामूहिक इस्तीफा  राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम सौंपेंगे। इसके बाद कल 18 अक्टूबर को जेल भरो आंदोलन करेंगे।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार सोनगेर ने बताया कि शासन के द्वारा निरंतर आंदोलन को कुचलने एवं प्रदेश के पदाधिकारियों  के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई जा रही है। लगभग 15-20 प्रदेश पदाधिकारियों के विरूद्ध सेवा नियम के विधि विरुद्ध सेवा मुक्ति जैसे आदेश जारी करते हुए दमनकारी नीति के तहत छत्तीसगढ़ शासन के अधिकारीगण शांतिपूर्वक आंदोलित कर्मचारियों को आर्थिक, मानसिक प्रताडऩा करते हुए जबरदस्ती विभागीय अधिकारी पुलिस थाने में बैठा रही है एवं एस्मा जैसे कानून लाकर सहकारी समिति के कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। इससे भविष्य में होने किसी भी प्रकार की क्षति के लिए शासन जिम्मेदार होगा।

मांगों की पूर्ति करने के बजाय आंदोलित कर्मचारियों को अनेक प्रकारों से प्रताडि़त किये जाने के फलस्वरूप दोनों संगठनों के समस्त दैनिक, संविदा, नियमित समस्त 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारी सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं।


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