रायपुर

भैरू बाबा का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया - मोहता
12-Nov-2025 8:26 PM
भैरू बाबा का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया - मोहता

रायपुर, 12 नवंबर। छत्तीसगढ़ में ऐसा एकमात्र खुले आकाश तले विराजित भैरव बाबा का मंदिर बूढ़ा तालाब के समीप स्थित बूढ़ेश्वर मंदिर प्रांगण में है।

राजस्थान के कोडमदेसर गांव के भैरव बाबा का प्रतिरूप प्रतिष्ठापित है। भैरव का अर्थ होता है भय का हरण कर जगत का भरण करने वाला। ऐसा भी कहा जाता है कि भैरव शब्द के तीन अक्षरों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्ति समाहित है। भैरव बाबा को भगवान शंकर के पांचवें अवतार रूद्रावतार के रूप में पूजा जाता है।
बूढ़ेश्वर मंदिर में स्थिति बाबा भैरू नाथ जी के मंदिर में आज भैरू बाबा का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया,तिल के तेल, सिंदूर से ऊपर से चांदी बर्क के साथ विशेष श्रृंगार, 56 भोग,बाबा की स्तुति,भजन,के साथ महाआरती का आनंद भक्तों ने लिया । 

मान्यता के अनुसार लिंग रूप वाले भैरू बाबा की छत नहीं बनाई जाती इसलिए उक्त प्रतिमा मंदिर के भीतर नहीं बल्कि बाहर प्रांगण में खुले आसमान तले विराजित है ।
एकमात्र भैरव की आराधना से ही शनि का प्रकोप शांत होता है। आराधना का दिन रविवार और मंगलवार नियुक्त है। पुराणों के अनुसार भाद्रपद माह को भैरव पूजा के लिए अति उत्तम माना गया है। उक्त माह के रविवार को बड़ा रविवार मानते हुए व्रत रखते हैं। 

मंदिर की मान्यता के अनुसार भैरव बाबा को अर्पित व्यंजनों को मंदिर परिसर में ही ग्रहण किया जाता है। श्रद्धालुओं को विशेष निर्देश दिया जाता है कि वे प्रसाद को मंदिर परिसर से बाहर न लेकर जाएं।


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