रायपुर
पेंशनर संघ की मोदी, निर्मला से मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 नवंबर। पेंशनर एसोसिएशन के जिला संरक्षक विजय कुमार झा एवं महामंत्री उमेश मुदलियार ने बताया है प्रतिवर्ष नवंबर माह में पेंशनरों को आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि लेकर किसी अधिकारी के पास खड़े होकर यह कहना पड़ता है कि मैं अभी जिंदा हूं। दूसरी ओर पति के निधन के बाद विधवा महिलाओं को भी जीवित होने तथा मैं पुनर्विवाह नहीं की हू़ं तदाशय की घोषणा प्रमाण पत्र देनी होती है। यह वृद्ध जनों का अपमान है। रिजर्व बैंक का जीवित प्रमाण पत्र के पीछे मूल उद्देश्य पेंशनर्स के दिवंगत होने के बाद उसके खाते में पेंशन और जमा पेंशन की राशि को कोई गलत तरीका से आहरण न कर ले। यही मूल भाव होता है। 1त्न अपराधिक घटना की आशंका से शत प्रतिशत लोगों से मैं जिंदा हूं का प्रमाण पत्र लेना व पुनर्विवाह नहीं की हू़ं कि घोषणा करना मानसिक पीड़ा का परिचायक है।
श्री झा ने कहा है यदि ऐसा कोई व्यक्ति पेंशनर के निधन के बाद उसके खाते को ऑपरेट करता है, पेंशन प्राप्त करता है, तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होते हैं। दूसरी ओर दिवंगत पेंशनर्स के परिजन तत्काल ही निधन होने की सूचना भी बैंकों को देते हैं। ऐसी स्थिति में जीवित प्रमाण पत्र की व्यवस्था को भारतीय रिजर्व बैंक को तत्काल बंद करना चाहिए। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पी आर यादव, जी आर चन्द्रा, शालिक सिंह ठाकुर, शेख जुम्मन, सीएल दुबे, एस एस देवांगन, बीपी कुरील, उषा सोनी, पी आर अहीर, आदि ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण से मांग की है कि वृद्धावस्था में बुजुर्गों का अपमान तत्काल बंद किया जाए।


