रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 नवंबर। दवा विक्रेता संघ ने नकली दवा पर रोक लगाए जाने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त किया है। 9 अक्टूबर को संस्था से दिए गए आवेदन पर संज्ञान लेते हुए नकली दवाइयों की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का निर्णय लिया है।
संस्था के संरक्षक वासुदेव जोतवानी, अध्यक्ष विनय कृपलानी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अश्विनी विग, सचिव, संजय कुमार रावत एवं कोषाध्यक्ष निकेश जैन ने संयुक्त रूप से कहा कि इन दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य में केवल अधिकृत वितरकों से ही दवाइयों खरीदी और बेची जाएंगी।
यदि किसी कंपनी का अधिकृत राज्य में उपलब्ध है, तो राज्य के बाहर से दवा नहीं खरीदी जाएगी। किसी भी परिस्थिति में रिटेलर सीधे राज्य के बाहर से दवाइयों नहीं खरीदेंगे। सभी वितरक एवं खुदरा विक्रेता औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 और नियम 1945 का कड़ाई से पालन करेंगे।
किसी भी संदेहास्पद गतिविधि या नकली दवा की जानकारी मिलने पर तुरंत ड्रग इंस्पेक्टर को सूचित किया जाएगा। संस्था ने इस निर्णय को राज्य के दवा व्यवसाय में पारदर्शिता और उपभोक्ता सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। संस्था ने ड्रग कंट्रोलर विभाग के माध्यम से शासन से यह अनुरोध किया गया था कि प्रदेश में नकली दवाओं की उपलब्धता चिंताजनक है। इस पर शीघ्र रोक लगाने और अधिकृत वितरण श्रृंखला के माध्यम से ही दवाइयों की बिक्री सुनिश्चित की जा सके।
संस्था के इस अनुरोध पर मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ने गंभीरता से विचार करते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.), छत्तीसगढ़ को निर्देशित किया। जिसके परिणामस्वरूप विभाग ने 30 अक्टूबर 2025 को इस विषय पर विस्तृत आदेश जारी किया ।


