रायपुर

जनजातीय संग्रहालय नवा रायपुर में बन कर तैयार
02-May-2025 6:45 PM
जनजातीय संग्रहालय नवा रायपुर में बन कर तैयार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 2 मई। छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति की जीवंत झलक नवा रायपुर में देखने को मिलेगी। यह संग्रहालय लगभग बनकर तैयार हो चुका है। आदिम जाति कल्याण मंत्री  राम विचार नेताम ने  गुरूवार इस संग्रहालय का निरीक्षण किया। मंत्री नेताम ने निरीक्षण के दौरान कहा कि संग्रहालय के मूर्त रूप में आ जाने के बाद निश्चित ही छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान मिलेगी। जल्द ही आदिवासियों की जीवन शैलियों पर आधारित म्यूजियम पर्यटकों के लिए समर्पित होगा। प्रमुख सचिव  सोनमणि बोरा ने बताया कि म्यूजियम के निर्माण में डिजिटल तकनीक एवं एआई की मदद ली जा रही है। सभी पारंपरिक सामग्रियों का क्यूआर कोड तैयार कराया जा रहा है। इससे क्यूआर कोड को स्कैन करते ही उस विधा-सामग्री की पूरी जानकारी मोबाइल पर देखी जा सकेगी। अर्थात् यह ट्रायबल म्यूजियम आधुनिकता के सभी पहलुओं से सुसज्जित होगा।  गौरतलब है कि यह ट्रायबल म्यूजियम में जनजातीय जीवनशैली, उनके रहन-सहन, निवास गृह, पूजा पद्धति (देवगुड़ी), उनकी वेशभूषा, उनकी सांस्कृतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विशेषताओं को जीवंत प्रदर्शित किया गया है।

 उल्लेखनीय है कि जनजातियों के लिए वन दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाला और सबसे महत्वपूर्ण जीविकोपार्जन का साधन है। छत्तीसगढ़ में 42 प्रकार की जनजातियां मुख्यत: निवास करती है। यहां 44 प्रतिशत से अधिक वन हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 72 लाख की जनजाति जनसंख्या निवासरत है जबकि शहरी क्षेत्रों में लगभग 5 लाख जनजाति जनसंख्या निवास करती है।


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