रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 18 फरवरी। अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन के तत्वावधान में गत 12 फरवरी को आयोजित अग्र अभ्युदय कार्यक्रम में रायगढ़ की स्वयं सेवी संस्थान अग्रसेन सांझा चूल्हा को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बृजमोहन अग्रवाल ने प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सांझा चूल्हा द्वारा किए जाने वाले कार्यों के विषय में सुशील रामदास ने सभा को विस्तृत जानकारी दी।
उक्त संस्थान के कार्यों के विषय में उन्होंने कहा कि अग्रसेन सांझा चूल्हा को रायगढ़ में कम आय वर्ग के अग्र परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में आरंभ की गयी। उक्त संस्थान 32 स्थाई सदस्यों वाली संस्थान है।
सांझा चूल्हा द्वारा चलाए जाने वाले उपक्रम इसके स्थाई सदस्य सर्वश्री सुशील रामदास अग्रवाल (अध्यक्ष), रवि अग्रवाल ( सचिव), बजरंग अग्रवाल (कोषाध्यक्ष), अजय जैन, अनूप बंसल, आशीष जिन्दल, सुनील अग्रवाल (लेन्ध्रा), राकेश अग्रवाल, विजय अग्रवाल, विनोद अग्रवाल (बट्टीमार), जी.एस. नरेड़ी, शक्ति अग्रवाल, राजेश अग्रवाल (चेम्बर), संदीप अग्रवाल (नवदुर्गा), राजकुमार अग्रवाल (गोड़म), बंटी डालमिया, ध्रुव अग्रवाल (रायगढ़ इस्पात), कमल अग्रवाल (रायगढ़ इस्पात), आनंद नहाडिय़ा, नानक बंसल, सुनील अग्रवाल, सुशील अग्रवाल (चैतन्य नगर), हरविलाश अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल , आशीष महामिया, दिलीप अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल (हरगोपाल), महेश गर्ग, मयंक केडिया, सुनील जिन्दल, गौरव अग्रवाल आदि के सहभागिता से संचालित किए जाते हैं। यह संस्थान रायगढ़ नगर के कम आय वर्ग के 110 परिवारों के लिए राशन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य करती है।उन्होंने राशन के विषय पर बताया कि रायगढ़ नगर के 110 कम आय वर्ग के अग्र परिवारों को प्रतिमाह नगर के कुछ अच्छे राशन दुकानों से आवश्यकता के अनुरूप 50 प्रतिशत पर राशन दिलाया जाता है।
जिससे कि उन परिवारों का राशन पर होने वाला व्यय आधा हो, ताकि उस धन को वह परिवार व्यापार में निवेश कर सके।
वहीं शिक्षा के संबंध में उन्होंने बताया कि रायगढ़ नगर के कम आय वर्ग के अग्र परिवारों द्वारा नगर के किसी भी विद्यालय में बच्चों को पढ़ाया जाता है , और यदि वह परिवार उस बच्चे का विद्यालयीन शुल्क देने के लिए संस्थान को सूचित मात्र करता है, तो बच्चे के पूरे विद्यालयीन शुल्क को सांझा चुल्हा द्वारा दिया जाता है। वह विद्यार्थी क्यों न जिन्दल में पढ़ रहा हो। उसके अतिरिक्त स्वास्थ्य के विषय में उन्होंने बताया कि सांझा चूल्हा द्वारा उन परिवारों के लिए दवाइयों पर 30 प्रतिशत और चिकित्सा में होने वाले किसी प्रकार के जांच हेतु 50 प्रतिशत का अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। वहीं उन्होंने व्यापार पर बताया कि कुटीर उद्योग अर्थात् जो घर से संचालित होने वाले उद्योग हैं। जैसे - महिलाओं द्वारा संचालित होने वाला बुटीक कार्य, ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहन देने का कार्य सांझा चूल्हा द्वारा किया जाता है, जिससे कि उस अग्र परिवार को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उसके लिए पूंजी उपलब्ध कराने का कार्य भी सांझा चूल्हा द्वारा किया जाता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि कम आय वर्ग के अग्र परिवारों में वैवाहिक कार्यों हेतु सहयोग की सूचना आती है, तो उन्हें आर्थिक सहयोग भी सांझा चूल्हा द्वारा किया है।
साथ ही यह भी बताया कि कोई ऐसा परिवार है, जिस परिवार का बच्चा उच्च शिक्षा लेना चाहता है और उसकी सूचना सांझा चूल्हा को परिवार के सदस्य द्वारा दी जाती है, तो उस छात्र या छात्रा के उच्च शिक्षा में आने वाला खर्च को सांझा चूल्हा द्वारा वहन किया जाएगा। वहीं उन्होंने पहचान की गोपनीयता के संबंध में बताया कि सांझा चूल्हा का सबसे महत्त्वपूर्ण सामाजिक अनुबंध यह है कि हम उन परिवारों का नाम सार्वजनिक नहीं करते हैं, जो परिवार सांझा चूल्हा के निमित्त हैं। इसके पीछे हमारा तर्क यह है कि अग्र वर्ग के लोग बहुत ही स्वाभिमानी होते हैं और वे श्रम को जीवन जीने का आधार मानते हैं। यही कारण है कि उन अग्र परिवारों की पहचान सार्वजनिक नहीं की जाती है। सुशील रामदास द्वारा सांझा चूल्हा के कार्यों का रखे गये प्राक्कथन के पश्चात सभा ने सांझा चूल्हा के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।


