राष्ट्रीय

आनंद सिंह
नई दिल्ली, 13 मार्च | कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) का राष्ट्रीय महासचिव के.ए. रऊफ शरीफ ऐसे दो सिम कार्ड का उपयोग कर रहा था, जो उसके नाम पर पंजीकृत नहीं थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोप पत्र (चार्जशीट) में यह दावा किया है।
ईडी ने इस साल फरवरी में अपनी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में शरीफ समेत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इसकी स्टूडेंट विंग के पांच पदाधिकारियों के खिलाफ अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की थी।
ईडी की चार्जशीट को आईएएनएस ने भी एक्सेस किया है, जिसमें दावा किया गया है कि शरीफ ने दो मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया था, वित्तीय जांच एजेंसी का आरोप है कि इनमें से कोई भी सिम उसके नाम पर पंजीकृत (रजिस्टर्ड) नहीं है।
ईडी ने कहा कि शरीफ ने 79072 और 97478 डिजिट से शुरू होने वाले नंबरों का इस्तेमाल किया, जो अन्य लोगों के नाम पर पंजीकृत हैं।
ईडी ने दावा किया कि शरीफ ने पूछताछ के दौरान कहा कि 97478 डिजिट से शुरू होने वाला नंबर उसे उसके दोस्त थाहा द्वारा दिया गया था, जो कालीकट में काम करता है, जबकि 79072 डिजिट से शुरू होने वाला नंबर उसे उसके दोस्त मिधुन अली ने दिया था।
ईडी ने कहा कि शरीफ ने अपने सभी बैंक खातों, आयकर रिटर्न और गूगल-पे (डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म) के अपने अकाउंट्स आदि के संचालन के लिए बैंकों को 79072 डिजिट से शुरू होने वाला मोबाइल नंबर दिया था।
जब ईडी ने शरीफ से पूछताछ की कि उसने 79072 मोबाइल नंबर का इस्तेमाल क्यों किया, जब उसे मालूम ही नहीं था कि यह किसके नाम पर रजिस्टर्ड है, तो इस पर सीएफआई नेता ने कहा कि चूंकि उसने 2017 में यह सिम लिया था, इसलिए उसे इसके बारे में ठीक से याद नहीं रहा।
शरीफ को ईडी ने पिछले साल 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया था, जब वह ओमान भागने की कोशिश कर रहा था। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा अन्य कई गंभीर आरोप भी हैं। (आईएएनएस)