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'बम बनाने की फैक्ट्री' मामले पर सरकार ने खारिज किया आरटीआई कार्यकर्ता का दावा
12-Mar-2021 2:27 PM
'बम बनाने की फैक्ट्री' मामले पर सरकार ने खारिज किया आरटीआई कार्यकर्ता का दावा

नई दिल्ली, 12 मार्च | गृह मंत्रालय ने आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मंत्रालय को पश्चिम बंगाल में 'बम बनाने की फैक्ट्री' के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मंत्रालय ने कहा है कि उसे न तो ऐसा कोई सवाल मिला है और ना ही उसने ऐसी कोई प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने कहा है कि कार्यकर्ता ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी फैलाई है। गृह मंत्रालय द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के बाद सत्तारूढ़ भाजपा ने गोखले पर कांग्रेस और उसके पूर्व प्रमुख राहुल गांधी का करीबी होने का आरोप लगाते हुए जमकर फटकारा है। सूत्रों के अनुसार, गोखले को इस मुद्दे पर कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है, "साकेत गोखले एक स्वयंभू कार्यकर्ता हैं, जो राहुल गांधी के करीबी थे और विपक्षी दलों के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने गृह मंत्रालय के बयान पर सवाल उठाने के लिए जानबूझकर मंत्रालय के जवाब को गलत तरीके से पेश किया है।"

एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो दिखाते हुए मालवीय ने कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को बंगाल में बम बनाने की फैक्ट्री के बारे में जानकारी लेने के लिए लगाए गए आरटीआई की जानकारी नहीं है। बल्कि कुछ मीडिया रिपोर्ट ने गोखले के ट्वीट का हवाला भी दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि बंगाल में बम बनाने के कारखाने हैं, लेकिन गृह मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि उसके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है।

गोखले के दावे को खारिज करते हुए मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने दुर्भावनापूर्ण इरादे से ट्वीट करके तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है। मंत्रायल ने कहा है कि उसे इस साल 12 जनवरी को गोखले की ओर से 2 ऑनलाइन आरटीआई आवेदन मिले थे। इन दोनों में किसान आंदोलन में खालिस्तानी संगठनों की भागीदारी से संबंधित 3 विशिष्ट बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी। मंत्रालय ने 3 मार्च को इनका जवाब दिया, जिसका गोखले ने गलत संदर्भ में इस्तेमाल किया। (आईएएनएस)
 


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