राष्ट्रीय
तीन दशक पुराने फ़ैसले पर पुर्नविचार करेगा उच्चतम न्यायालय
09-Mar-2021 12:01 PM

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नई दिल्ली, 9 मार्च। उच्चतम न्यायालय के पांच जजों की बेंच अब ये विचार करेगी कि क्या नौकरियों में पचास फ़ीसदी से अधिक आरक्षण दिए जाने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं.
हिदुस्तान टाइम्स की ख़बर के अनुसार, उच्चतम न्यायालय ने मराठा आरक्षण मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर भी दलीलें सुनेंगी किया क्या इंदिरा साहनी मामले में साल 1992 में आये ऐतिहासिक फ़ैसले पर भी दोबारा से विचार किये जाने की आवश्यकता है.
1992 में सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता इंदिरा साहनी की याचिका पर ऐतिहासिक फ़ैसला सुनाते हुए जाति-आधारित आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फ़ीसदी तय कर दी थी.
इस मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामसे में सभी राज्यों के पक्ष सुनना ज़रूरी है. (bbc.com/hindi)
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