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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री इडापड्डी के.पलानीस्वामी ने राज्य में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कहा है कि मुसलमानों को डरने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि उन पर एआईएडीएमके के (बीजेपी के साथ) गठबंधन का प्रभाव नहीं पड़ेगा.
तिरुपुर से शुरू हुए दो दिनों के चुनावी अभियान पर निकले पलानीस्वामी ने जमात के नेताओं से मुलाक़ात में कहा, ‘’गठबंधन एक अलग बात है और विचारधारा अलग बात है. गठबंधन बदलते रहते हैं क्योंकि वह राजनीतिक उद्देश्यों के लिए बनते हैं.‘’
हालांकि ये कहते हुए उन्होंने किसी भी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन एआईएडीएमके बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती है. बीते महीने रामनाथपुरम में भी उन्होंने इसी तरह का आश्वासन दिया था.
पलानीस्वामी ने ज़ोर देते हुए कहा कि ‘’एआईएडीएमके जाति-धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं करती. बीते चार सालों में राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. अगर छोटी-मोटी कोई घटना हुई तो उसमें तत्काल कार्रवाई की गई.’’
यहां उन्होंने उस घटना की ओर इशारा किया, जिसमें हाल ही में बीजेपी के राज्य सचिव आर. कल्याणरमन को पैग़ंबर मोहम्मद पर दिए गए उनके कथित बयान के लिए गिरफ्तार किया गया था.
अपने चुनावी भाषण में पलानीस्वामी ने कहा कि किसानों को ‘10 दिनों के भीतर’ फसल पर ऋण माफ़ी के प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे.
उन्होंने विपक्षी पार्टी डीएमके नेता एमके स्टालिन के उस दावे पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि 12,110 करोड़ की क़र्ज़माफ़ी एक जुमला भर बनकर रह जाएगा. उन्होंने कहा- वह ग़रीबों की मुश्किलें कभी नहीं समझ सकते.
इसके बाद पलानीस्वामी ने कांगेयम में किसानों के साथ बातचीत की. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और केरल सरकारें अनामालय-नलार योजना के लिए बातचीत कर रही हैं, यह काम जल्द ही शुरू होगा.
इस साल अप्रैल-मई में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं. एआईएडीएमके राज्य में बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी. (bbc.com)