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नई दिल्ली, 24 दिसंबर | देश की राष्ट्रीय राजधानी में मैकेनिकल स्वीपिंग न होने के कारण बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति सख्त हो गई है। तीनों नगर निगम आयुक्तों को पत्र लिखकर दिल्ली में धूल प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर एमसीडी से 3 दिन में रिपोर्ट मांगी है। पर्यावरण समिति की अध्यक्ष आतिशी ने कहा कि, "डस्ट का दिल्ली के प्रदूषण में बड़ा योगदान है। दिल्ली वाले सांस नहीं ले पा रहे हैं फिर भी एमसीडी मैकेनिकल स्वीपिंग नहीं कर रही है। एनजीटी के आदेश के बावजूद मैकेनिकल स्वीपिंग नहीं हो रही है।"
पर्यावरण समिति ने तीनों नगर निगमों को शहर में धूल के बढ़ते स्तर और वायु प्रदूषण को लेकर पत्र लिखा है। पर्यावरण समिति की अध्यक्ष आतिशी ने कहा कि, "नगर निगम के द्वारा सड़कों की मैन्युअल सफाई के कारण धूल का स्तर बढ़ रहा है। शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर कई शिकायतों मिली हैं। शहर में वायु प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा होने से दम घुट रहा है।"
उन्होंने कहा कि, "टेरी ने 11 जनवरी 2019 को ऑडिट रिपोर्ट जारी कर नई दिल्ली में सड़कों की अधिक से अधिक सफाई मशीनों से करने के लिए कहा था। क्योंकि शहर के वायु प्रदूषण में 38 फीसदी योगदान सड़क की धूल से होता है। इसी तरह का निष्कर्ष एनईईआरआई, नागपुर की ओर से दिया गया था।"
आतिशी ने कहा कि, "सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण की ओर से जारी निर्देशों के बावजूद राजधानी में सड़कों की यांत्रिक सफाई के बजाए हस्तचलित रूप से हो रही है। सड़कों की हाथों से सफाई के कारण एसपीएम प्रदूषण होता है। नई दिल्ली में सड़कों की निरंतर हस्तचलित सफाई पूरी तरह से अस्वीकार्य और चिंता का कारण है। नई दिल्ली में मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन (एमआरएस मशीन) का उपयोग अनिवार्य हो गया है। क्योंकि वैक्यूम सेक्शन और स्प्रिंकल वॉटर के जरिए एसपीएम को कम करने और धूल को पकड़ने में मदद मिलती है।"
उन्होंने कहा कि, "ऐसे में नई दिल्ली में लाखों नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तीनों नगर निगमों को तीन कार्य दिवस के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। तीनों नगर निगम रिपोर्ट में बताएं कि एनजीटी के आदेशों का पालन करने के लिए क्या कदम उठाए गए, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। शहर में एमआरएस मशीनों के उपयोग और हाथों से सफाई को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों पर भी एक पूरी रिपोर्ट दी जाए। तीनों नगर निगम आयुक्त 30 दिसंबर को दोपहर 3 बजे पर्यावरण समिति के समक्ष उपस्थित हों।" (आईएएनएस)