राष्ट्रीय

नई दिल्ली, 22 नवंबर। उत्तर पूर्वी दिल्ली में इस वर्ष फ़रवरी में हुए दंगे से जुड़े एक मामले में छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा को शनिवार को जमानत मिल गई है.
अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने फातिमा को तीस हज़ार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत देने का आदेश दिया है. हालांकि उन पर यूएपीए एक्ट के तहत भी मामला चल रहा है, इसलिए वे जेल में ही रहेंगी.
दिल्ली के जाफ़राबाद इलाके में हुए दंगे की घटना में गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. अदालत ने इस आधार पर उसे जमानत दे दी कि इस मामले में सह अभियुक्त जेएनयू की छात्राएं और पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को पहले ही जमानत दी जा चुकी है.
देवांगना कलिता को दिल्ली हाई कोर्ट से 01 सितंबर को जबकि नताशा नरवाल को ट्रायल कोर्ट से 17 सितंबर को जमानत मिली थी.
फातिमा के मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस की तरफ से दलील दी गई थी कि फातिमा ने कथित तौर पर साजिश रची और वे (संशोधित) सीएए, एनआरसी और एनपीआर के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन की आड़ में दिसंबर, 2019 से लगातार स्थानीय लोगों को भड़का रही थीं.
फातिमा इस मामले में तीन जून से ही हिरासत में थीं. अख़बार के मुताबिक दिल्ली दंगे के मामले में क़रीब 750 केस दर्ज किए गए और लगभग 1,200 लोगों को हिरासत में लिया गया.