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कुछ ग्लेशियर आगे भी बढ़ रहे हैं: जियोलॉजी के प्रोफेसर
22-Oct-2020 1:35 PM
कुछ ग्लेशियर आगे भी बढ़ रहे हैं: जियोलॉजी के प्रोफेसर

लखनऊ, 22 अक्टूबर| लखनऊ विश्वविद्यालय में जियोलॉजी के प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह ने कहा है कि हिमालय में ग्लेशियर पीछे हट रहे हैं, लेकिन कुछ आगे बढ़ रहे हैं जो यह साबित करते हैं कि इस घटना के पीछे केवल ग्लोबल वामिर्ंग ही कारण नहीं है। सिंह 2007 और 2008 में आर्कटिक में चलाए गए भारत के पहले और दूसरे अभियान का हिस्सा थे। उन्होंने केंद्रीय पृथ्वी मंत्रालय द्वारा हिन्दी में आयोजित अखिल भारतीय ऑनलाइन व्याख्यान श्रृंखला में 'गंगोत्री ग्लेशियर और क्लाइमेट चेंज: नेचुरल या एन्थ्रोपोजेनिक' में अपनी बात रखी।

उन्होंने कहा, "हिमालय के सभी ग्लेशियर पीछे हटें हैं लेकिन पीछे हटने की दरें अलग-अलग हैं। साथ ही कुछ ग्लेशियर आगे भी बढ़ रहे हैं। इससे पता चलता है कि इन घटनाओं के पीछे केवल ग्लोबल वामिर्ंग ही कारण नहीं है। हालांकि, ग्लोबल वामिर्ंग ने जलवायु से जुड़े कई बदलाव किए हैं। ऐसे में हमें ग्लेशियरों में हुए बदलावों के पीछे मानवजनित/प्राकृतिक कारकों का पता लगाने के लिए गहन शोध की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, "1935 से पीछे हट रहे गंगोत्री ग्लेशियर के पैटर्न से पता चलता है कि यह छोटा हो रहा है, इसके साथ ही इसके पीछे हटने की दर भी लगातार घट रही है। जब भी तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है, तो ग्लेशियर पिघलेंगे/पीछे हटेंगे, लेकिन इनके पीछे हटने की दर कम हो रही है, जबकि इस मुद्दे पर कई संगठनों ने भय का खासा माहौल बनाया है।" (आईएएनएस)


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