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नयी दिल्ली 14 अक्टूबर। केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) लिमिटेड से सरकारी निर्माणाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र को अलग करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में बस्तर के निर्माणाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र को एनएमडीसी से अलग किया जाएगा। बाद में नगरनार इस्पात संयंत्र में विनिवेश किया जाएगा। केंद्र सरकार इसमें अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गयी।
लगभग 1980 एकड़ में स्थापित हो रहे नगरनार इस्पात संयंत्र की उत्पादन क्षमता 30 लाख टन प्रतिवर्ष होगी। इसकी निर्माण लागत 23 हजार 140 करोड़ रुपए होगी। अभी तक इस पर 17 हजार 186 करोड़ रुपए व्यय हो चुके हैं जिसमें से 16 हजार 662 करोड़ रुपए एनएमडीसी ने व्यय किये हैं और 524 करोड़ रुपए बौंड के जरिए जुटायें गये हैं। नगरनार इस्पात संयंत्र को अलग करने और इसके विनिवेश की प्रक्रिया साथ साथ शुरू की जाएगी और इसे सितंबर 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा। (वार्ता)