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नई दिल्ली, 23 सितंबर। आतंकी हमलों के शिकार हुए लोगों की पत्नी और बच्चों को अब एमबीबीएस और बीडीएस परीक्षा में रिजर्वेशन का लाभ मिलेगा। यह कोटा सिस्टम 2020-21 के सालाना कैलेंडर से ही लागू हो जाएगा।
बताया गया है कि मेडिकल एडमिशन के लिए आरक्षण के जरिए मिलने वाली सीटें केंद्रीय पूल की होंगी। ऑल इंडिया रेडियो न्यूज के मुताबिक, इस बारे में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को चि_ी भी लिखी है। खतरे में पड़े परिवारों के लिए अहम होगी सुविधा: रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो भी लोग आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन से जुड़े हैं, जो लोग आतंकी संगठनों की हिट लिस्ट में आ चुके हैं और उन परिवारों के बच्चे, जो कश्मीर की मौजूदा स्थिति की वजह से अपनी संपत्ति छोडक़र आए हैं, उनके बच्चों भी एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों पर रिजर्वेशन के पात्र होंगे।
इस फैसले की एक खास बात यह है कि इससे बड़ा फायदा उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को होगा, जो मेडिकल एजुकेशन में अभी पीछे हैं। इसके अलावा उन छात्रों को भी लाभ होगा, जिनके परिवार का कोई सदस्य आतंकी गतिविधि की वजह से या सेना और आतंकियों के बीच क्रॉस फायरिंग का शिकार हुए होंगे। छात्रों को यह कोटा नेशनल इलीजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) के आधार पर या मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा तय अन्य परीक्षाओं पर ही मिलेगा।
नीट परीक्षाएं 13 सितंबर को हुई थीं, जिसके लिए 15.9 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। जो भी स्टूडेंट्स नीट क्वालिफाई करते हैं, उन्हें ही एमबीबीएस और बीडीएस के कोर्सों में एडमिशन मिलता है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आरक्षण के लिए पात्र स्टूडेंट्स को अपने आवेदन के साथ सभी दस्तावेज rajiv.kumar67@nic.in पर भेजने होंगे। या फिर अभ्यर्थी स्पीडपोस्ट और रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए भी अपने दस्तावेज- Rajeev Kumar, Under Secretary (CT-II), Room No 81, North Block, New Delhi – 110001 पर भेज सकते हैं।"