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गैर सरकारी संगठन असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार बिहार विधानसभा चुनावों में जीते 90 फीसदी विधायक करोड़पति हैं और करीब 53 फीसदी के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
डॉयचे वैले पर रीतिका की रिपोर्ट -
चुनावी पारदर्शिता पर काम करने वाले संगठन एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि बिहार में नवनिर्वाचित विधायकों में से 90 फीसदी करोड़पति हैं. वहीं 243 में से 130 नए विधायकों के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं. हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या में कमी आई है. 2020 के चुनावों में जहां 68 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज थे वहीं इस बार यह आंकड़ा 53 फीसदी के आस-पास है.
आधे से अधिक विजेता उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जिन उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है उनकी पृष्ठभूमि और मौजूदा स्थिति पर गैर सरकारी संगठन असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में सभी 243 विधायकों के आपराधिक रिकॉर्ड, शिक्षा, संपत्ति आदि का विश्लेषण किया गया है.
इनमें से बहुत से विजेताओं पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. एडीआर के आंकड़ों के मुताबिक 243 में से कुल 102 उम्मीदवार ऐसे हैं. इसमें गैर-जमानती अपराध, हत्या, अपहरण, महिला हिंसा, बलात्कार, भ्रष्टाचार, सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ चुनाव से जुड़े आपराधिक मामलों जैसे संगीन अपराध शामिल हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बार के विजयी उम्मीदवारों में 19 ऐसे हैं जिन पर हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं. वहीं 6 ऐसे हैं जिन पर हत्या से जुड़े मामले और 9 विजेताओं पर महिलाओं के ऊपर हिंसा से जुड़े केस दर्ज हैं.
बिहार के 90 फीसदी नए विधायक हैं करोड़पति
वैसे तो बिहार को प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से भारत का सबसे गरीब राज्य माना जाता है लेकिन यहां के नेताओं की संपत्ति कुछ और तस्वीर दिखाती है. एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बार 243 में से 90 फीसदी विधायक करोड़पति हैं. 2020 के चुनावों में यह आंकड़ा 81 फीसदी था. इस बार 55 विधायक ऐसे हैं जिनके पास 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. वहीं 44 विधायक ऐसे हैं जिनके पास 5 से 10 करोड़ रुपये की संपत्ति है. जबकि करीब 119 विधायकों के पास 1 से पांच करोड़ रुपये की संपत्ति मौजूद है.
रिपोर्ट के मुताबिक सारे विजेता उम्मीदवारों की कुल संपत्ति 2,192.93 करोड़ रुपये के आस पास है. यानी इन विधायकों की औसत संपत्ति 9 करोड़ रुपये के आस पास है. 2020 के चुनावों में यह औसत 4.32 करोड़ रुपये था. हर राजनीतिक दल में करोड़पति विधायकों की संख्या अच्छी-खासी है. जेडीयू के 85 में से 78 विधायक, बीजेपी के 89 में से 77, आरजेडी के 24 में से 24, एलजेपी (राम विलास पासवान) के 19 में से 16, कांग्रेस के सभी 6 और एआईएमआईएम के सभी पांच विधायक करोड़पति हैं.
कितने पढ़े-लिखे हैं इस बार के विजेता?
इस बार जीत दर्ज करने वाले 84 विधायक पांचवीं से बारहवीं पास हैं. वहीं 147 विधायकों के पास ग्रेजुएशन या उससे ज्यादा पढ़ाई की डिग्री है. वहीं सात विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने खुद को केवल साक्षर बताया है. जबकि पांच विजेता ऐसे हैं, जिनके पास डिप्लोमा है.
बात अगर विधायकों की उम्र की करें तो इस बार 26 फीसदी विधायक ऐसे हैं जिनकी उम्र 61 से 80 साल के बीच है. वहीं सबसे अधिक 59 फीसदी विधायक (संख्या में 143) ऐसे हैं जिनकी उम्र 41 से 60 साल के बीच है. युवा विधायकों की संख्या केवल 16 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक केवल 38 विधायकों की उम्र 25 से 40 साल के बीच है.
बीते 14 नवंबर को आए बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों में एनडीए ने भारी बहुमत से जीत हासिल की है. 202 सीटों के साथ एनडीए सबसे आगे रही. वहीं महागठबंधन का प्रदर्शन इस बार बेहद निराशाजनक रहा. उसे इस चुनाव में केवल 35 सीटों पर जीत हासिल हुई.
भारत की सबसे अमीर पार्टी कौन?
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह राजनीतिक दलों ने अपनी आय घोषित कर दी है. बीजेपी की आय सबसे अधिक है.
तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की आय
भारत की छह राजनीतिक पार्टियों ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपनी आय घोषित की है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बीएसपी, नेशनल पीपल्स पार्टी और सीपीआई (एम) ने 2022-23 वित्त वर्ष में लगभग ₹3,077 करोड़ की कुल आय घोषित की है.
बीजेपी की कितनी आय
इस रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में बीजेपी ने सबसे अधिक आय दर्ज की, जो 2,361 करोड़ थी. एडीआर ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान बीजेपी की आय, छह राष्ट्रीय दलों की कुल आय का करीब 77 प्रतिशत है.
दूसरे नंबर पर कांग्रेस
कांग्रेस ने 452.375 करोड़ रुपये के साथ दूसरी सबसे बड़ी आय घोषित की, जो छह राष्ट्रीय दलों की कुल आय का लगभग 15 प्रतिशत है.
आप की आय में उछाल
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की आय वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 44.539 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 91.23 प्रतिशत या 40.631 करोड़ रुपये बढ़कर 85.17 करोड़ रुपये हो गई.
अन्य दलों की आय कितनी
पूर्वोत्तर से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने वाले इकलौते दल 'नेशनल पीपल्स पार्टी' (एनपीपी) की आय वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 47 लाख रुपये थी. बीते साल इसमें 1,500 प्रतिशत (लगभग सात करोड़ रुपये) से ज्यादा की वृद्धि हुई. 2022-23 के वित्त वर्ष में यह रकम 7.562 करोड़ रुपये हो गई.
बीएसपी की आय घटी
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 के बीच कांग्रेस की आय में 16.42 प्रतिशत या 88.90 करोड़ रुपये की गिरावट आई है. इसी दौरान सीपीएम की आय 20.57 करोड़ रुपये यानी 12.68 प्रतिशत और बीएसपी की आमदनी 14.50 करोड़ रुपये या 33.14 प्रतिशत घटी है.
कांग्रेस ने ज्यादा खर्च किया
एडीआर ने कहा कि बीजेपी ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कुल आय 2,361 करोड़ रुपये घोषित की, लेकिन इसका केवल 57.68 प्रतिशत ही खर्च किया. यह रकम 1361.684 करोड़ रुपये है. वहीं कांग्रेस ने कुल आय 452.375 करोड़ बताई, जबकि उसका खर्च 467.135 करोड़ रहा. इस लिहाज से कांग्रेस ने आय से 3.26 प्रतिशत अधिक खर्च किया.
चुनाव आयोग को पार्टी देती है जानकारी
राजनीतिक दल हर साल चुनाव आयोग को आय और खर्च से जुड़ी जानकारी देते हैं. एडीआर इस डेटा का विश्लेषण कर अपनी रिपोर्ट तैयार करती है.
भारत में आपराधिक मामलों में महिला नेता भी पीछे नहीं
भारत में महिला सांसदों और विधायकों पर आई एक नई रिपोर्ट दिखा रही है कि आपराधिक मामलों के मोर्चे पर महिला नेताओं का रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं है. जानिए किस तरह की पृष्ठभूमि है भारत की महिला नेताओं की.
28 प्रतिशत महिला नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले
गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने लगभग सभी मौजूदा महिला सांसदों और विधायकों के हलफनामों के आधार पर बताया है कि इन कुल 512 महिला नेताओं में से 143 (28 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 24 महिला नेता लोकसभा की सदस्य हैं, 37 राज्यसभा की सदस्य हैं और 109 विधायक हैं.
हत्या और हत्या की कोशिश के भी मामले
512 में से 78 (15 प्रतिशत) महिला नेताओं के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें 14 लोकसभा की सदस्य हैं, सात राज्यसभा की सदस्य हैं और 57 विधायक हैं. इनमें से तीन के खिलाफ हत्या के आरोप के मामले और 12 के खिलाफ हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं.
तेलंगाना में संख्या ज्यादा
सबसे ज्यादा गंभीर आपराधिक मामलों वाली महिला सांसद/विधायक तेलंगाना (42 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (38 प्रतिशत), गोवा (33 प्रतिशत), बिहार (26 प्रतिशत), मेघालय (25 प्रतिशत), पंजाब (21 प्रतिशत) और केरल (21 प्रतिशत) से हैं.
टीडीपी और आप में संख्या ज्यादा
इनमें से सबसे ज्यादा महिला नेता टीडीपी (45 प्रतिशत), आप (31 प्रतिशत), कांग्रेस (20 प्रतिशत), एसपी (14 प्रतिशत), बीजेपी (11 प्रतिशत) और तृणमूल कांग्रेस (11 प्रतिशत) से हैं.
अरबपति महिला नेता
कुल 512 महिला सांसदों/विधायकों में से 17 (तीन प्रतिशत) अरबपति हैं. इनमें छह लोकसभा की सदस्य हैं, तीन राज्यसभा सदस्य हैं और आठ विधायक हैं. इन 512 महिला नेताओं की कुल संपत्ति 10,417 करोड़ है. इनकी औसत सम्पत्ति 20.34 करोड़ है.
तेलंगाना इसमें भी आगे
महिला नेताओं की सबसे ज्यादा औसत संपत्ति (74.22 करोड़) तेलंगाना में पाई गई. इसे बाद नंबर है दादरा और नगर हवेली और दमन और दिउ (71.44 करोड़) और हरियाणा (63.72 करोड़) का.
71 प्रतिशत हैं ग्रेजुएट
कुल 363 (71 प्रतिशत) महिला नेताओं ने ग्रेजुएशन या उससे आगे पढ़ाई की है. 125 (24 प्रतिशत) ने सिर्फ पांचवीं से बारहवीं क्लास तक पढ़ाई की है. 12 डिप्लोमा धारक हैं और 12 ने खुद को सिर्फ साक्षर बताया है.


