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उत्तरकाशी आपदा : अंतिम चरण में लिमचीगाड पुल का निर्माण, कुछ ही घंटों में बहाल होगा आवागमन
10-Aug-2025 12:54 PM
उत्तरकाशी आपदा : अंतिम चरण में लिमचीगाड पुल का निर्माण, कुछ ही घंटों में बहाल होगा आवागमन

 उत्तरकाशी, 10 अगस्त । उत्तराखंड के आपदा प्रभावित उत्तरकाशी जिले में लिमचीगाड पुल लगभग बनकर तैयार है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने बताया कि कुछ ही घंटों में आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पुल आपदा प्रभावित लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि धराली (उत्तरकाशी) में आई आपदा के दौरान कनेक्टिविटी की दृष्टि से महत्वपूर्ण लिमचीगाड पुल बह गया था, जिसकी वजह से आवागमन पूर्ण रूप से बाधित हो गया था। इसके बाद यहां बेली ब्रिज बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि पुलिस दलों, एसडीआरएफ, इंजीनियरों व अन्य बचाव दलों के परिश्रम के फलस्वरुप अब इस पुल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए पुनर्वास एवं राहत सामग्री ले जाने वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

गंगोत्री से भाजपा विधायक सुरेश चौहान ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने धराली में आपदा आने के बाद खुद यहां कमान संभाली। उन्होंने दो दिन तक स्थितियों पर समीक्षा और निगरानी की। आसमान बहुत खराब था। एक भी हेलिकॉप्टर नहीं उड़ पा रहा था। इसके बावजूद मुख्यमंत्री धामी रिस्क लेते हुए यहां तक पहुंचे थे। विधायक सुरेश चौहान अभी भी ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। उत्तरकाशी के मातली हेलीपैड से लगातार हेली सेवा आपदाग्रस्त धराली क्षेत्र के लिए उड़ानें भर रही है।

विधायक सुरेश चौहान ने रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी देते हुए कहा कि घटना के आधे घंटे बाद ही भारतीय सेना और आईटीबीपी की टीमें यहां पहुंच गई थीं। रेस्क्यू करके 130 लोगों को गंगोत्री की तरफ ले जाया गया। 20 अन्य लोगों को भी घटना के कुछ समय बाद ही बचा लिया गया था। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ-एनडीआरएफ और पुलिस टीमों की प्रशंसा की। सुरेश चौहान ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में कई चुनौतियां आईं। 100 किलोमीटर के एरिया में सड़क जगह-जगह से टूट चुकी है। सुरेश चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भी अलग-अलग तरह के टास्क दिए थे। प्रभावित इलाके में बिजली की व्यवस्था हो चुकी है और नेटवर्क के लिए टावर भी स्थापित किया जा चुका है। घरों तक राशन पहुंचाया जा रहा है। मृतकों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। --आईएएनएस डीसीएच/


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