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पटना, 23 जुलाई । बिहार विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष 'सदन किसी की बपौती नहीं' पर आमने-सामने आ गए, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सदन के अंदर विपक्ष के नेता को बोलने का मौका दिया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समझाने का प्रयास किया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव फिर खड़े हो गए। इसके बाद भाई वीरेंद्र खड़े हो गए और कहा कि 'सदन किसी के बाप का नहीं है।' इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन के अंदर गुंडाराज स्थापित करना चाहता है। सदन के अंदर और बाहर हंगामा कर रहे हैं। सत्ता पक्ष अब राजद विधायक भाई वीरेंद्र से इस वक्तव्य के लिए माफी की मांग कर रहा है। जब तक माफी नहीं मांगेंगे, तब तक सदन में ऐसे नेता को बैठने का औचित्य नहीं है।
इधर, भाई वीरेंद्र अभी भी अपनी बात पर कायम हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मैंने जो भी कहा है, उस पर अभी भी कायम हूं। सदन किसी की बपौती नहीं है। यह संसदीय भाषा है, असंसदीय भाषा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री ने गाली दी है। उन्होंने कहा कि मैं किसी हाल पर माफी नहीं मांगूंगा। मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि विधानसभा में एक कार्य संचालन नियमावली बनी है। कल भी विपक्ष उदंडता का परिचय दिया। अध्यक्ष पर कागज का टुकड़ा फेंका गया। बेंच उठाया गया। विधानसभा विमर्श का स्थान है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुरोध किया कि अब चुनाव होने वाला है। प्रश्नकाल चलने दिया जाए। इसके बाद विपक्ष ने अपशब्द कहे। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि विपक्ष का चाल, चरित्र और चेहरा दिख रहा है। यह असली चेहरा है। यह तो पूरे सदन ने सुना है। --(आईएएनएस)