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‘मैं सरकार के लिए काम नहीं करता, लेकिन जवाब जरूरी था’
25-May-2025 7:54 PM
‘मैं सरकार के लिए काम नहीं करता, लेकिन जवाब जरूरी था’

अमेरिका में शशि थरूर ने कहा कि पहलगाम हमले का भारत ने सटीक और सीमित जवाब देकर दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया कि आतंक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

 डॉयचे वैले पर विवेक कुमार  का लिखा-

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि पहलगाम में हुए हमले का मकसद देश को बांटना था, लेकिन इसका असर उलटा हुआ और देश और भी ज्यादा एकजुट हो गया.

थरूर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां वह ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत की राजनयिक मुहिम का नेतृत्व कर रहे हैं. उनके साथ इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या और भुवनेश्वर कलिता, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसद सरफराज अहमद और टीडीपी सांसद गंटी हरीश मधुर भी शामिल हैं.

"भारत का जवाब बिल्कुल सही था”

थरूर ने कहा, "मैं सरकार के लिए काम नहीं करता, मैं विपक्ष का सांसद हूं. लेकिन मैंने खुद भारत के एक प्रमुख अखबार में लेख लिखकर कहा था कि अब समय आ गया है कि भारत सख्ती से और समझदारी से जवाब दे. मुझे खुशी है कि भारत ने ऐसा ही किया.”

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. थरूर ने कहा कि भारत ने इस हमले का जवाब बहुत सोच-समझकर और सटीक तरीके से दिया.

थरूर ने कहा कि इस हमले के पीछे मंशा थी, लोगों में धर्म और पहचान के आधार पर दरार पैदा करना, "लेकिन हुआ इसका उलटा. हर धर्म, हर क्षेत्र के लोगों ने मिलकर एकजुटता दिखाई. यह साफ संकेत था कि भारत अब भ्रमित नहीं है कि यह हमला कहां से आया.”

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक पर सटीक प्रहार

थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए बताया कि यह कार्रवाई 7 मई की सुबह अंजाम दी गई. भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तानी कश्मीर में स्थित नौ चुनिंदा आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया.

उन्होंने बताया, "इनमें लश्कर-ए-तैयबा का मुरीदके स्थित मुख्यालय और जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर ठिकाना शामिल था, जो पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या समेत कई हमलों के लिए जिम्मेदार हैं.”

थरूर के मुताबिक, भारत ने यह संदेश दिया कि आतंक को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि यह कोई युद्ध की शुरुआत नहीं, बल्कि एक सटीक जवाब था.

थरूर ने कहा, "भारत ने बहुत ही सटीक और सीमित जवाब दिया. यह एक स्पष्ट संदेश था कि हम चुप नहीं बैठेंगे, लेकिन यह जवाब किसी लंबी जंग की शुरुआत नहीं बल्कि एक निर्णायक कार्रवाई है, और हम यहीं रुक सकते हैं.”

न्यूयॉर्क में 9/11 मेमोरियल का दौरा

थरूर और उनके प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयॉर्क स्थित ‘नेशनल सेप्टेंबर 11 मेमोरियल' का भी दौरा किया और आतंकवाद के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर भी थरूर ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की आलोचना करते हुए कहा कि यह "हमें मंजूर नहीं है.”

शशि थरूर का यह दौरा भारत की कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जहां वे विपक्ष में रहते हुए भी भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति को वैश्विक मंच पर रख रहे हैं. भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए दुनिया भर से समर्थन जुटाने और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए यह अभियान छेड़ा है. इसके तहत भारत सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न देशों में भेजा है. (एएनआई, रॉयटर्स)

(dw.com/hi)


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