राष्ट्रीय
ड्रग सेंसस के जरिए नशे के प्रचलन और नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों की उपयोगिता से जुड़े आंकड़ें इकट्ठे किए जाएंगे. साथ ही, पाकिस्तान से होने वाली ड्रग तस्करी को रोकने के लिए सीमा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम भी लगाए जाएंगे.
डॉयचे वैले पर आदर्श शर्मा की रिपोर्ट-
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बुधवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने राज्य में पहली बार ड्रग सेंसस करवाने की घोषणा की. पंजाब सरकार के एक्स अकांउट पर पोस्ट की गई जानकारी के मुताबिक, इस पहल के लिए 150 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
हरपाल सिंह चीमा ने बजट भाषण में कहा कि ड्रग सेंसस अगले साल करवाई जाएगी और इसमें पंजाब के हर परिवार को शामिल किया जाएगा. इसके तहत, राज्य के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी. साथ ही नशे के प्रचलन और नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों की उपयोगिता से जुड़े आंकड़े इकट्ठे किए जाएंगे.
वित्त मंत्री के मुताबिक, इन आंकड़ों का इस्तेमाल अगले एक से दो सालों में नशे की समस्या को खत्म करने के लिए वैज्ञानिक और प्रभावी रणनीति बनाने के लिए किया जाएगा.
ड्रोन से होने वाली तस्करी रोकने की भी योजना
राज्य सरकार ने पाकिस्तान से पंजाब में होने वाली ड्रग तस्करी को रोकने के लिए भी कदम उठाने की घोषणा की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब में पाकिस्तान से लगती सीमा पर पांच हजार होम गार्डों को तैनात किया जाएगा. ये जवान सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ के साथ मिलकर ड्रग तस्करी रोकने के लिए काम करेंगे.
वित्त मंत्री चीमा ने सीमा पर आधुनिक और प्रभावी एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाने की भी घोषणा की है. इसका उद्देश्य सीमा पार से ड्रोन के जरिए होने वाली ड्रग और हथियार तस्करी का पता लगाना और उसे विफल करना है. चीमा ने कहा कि इसके लिए परीक्षण शुरू कर दिए गए हैं.
ड्रोन से होने वाली तस्करी रोकने की भी योजना
राज्य सरकार ने पाकिस्तान से पंजाब में होने वाली ड्रग तस्करी को रोकने के लिए भी कदम उठाने की घोषणा की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब में पाकिस्तान से लगती सीमा पर पांच हजार होम गार्डों को तैनात किया जाएगा. ये जवान सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ के साथ मिलकर ड्रग तस्करी रोकने के लिए काम करेंगे.
वित्त मंत्री चीमा ने सीमा पर आधुनिक और प्रभावी एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाने की भी घोषणा की है. इसका उद्देश्य सीमा पार से ड्रोन के जरिए होने वाली ड्रग और हथियार तस्करी का पता लगाना और उसे विफल करना है. चीमा ने कहा कि इसके लिए परीक्षण शुरू कर दिए गए हैं. (dw.com/hi)