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नयी दिल्ली, 28 फरवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड धन शोधन मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आरोपी के वकील की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
जांच एजेंसियों के अनुसार, इतालवी विनिर्माण कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद में अनियमितताएं सामने आई हैं।
ईडी के वकील ने मिशेल की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ब्रिटिश नागरिक धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत दिए जाने के लिए “दोहरे परीक्षण” को पूरा नहीं करता है और उसके फरार होने का खतरा है।
मिशेल के वकील ने इस आधार पर राहत मांगी कि वह पहले ही काफी समय हिरासत में बिता चुका है।
उन्होंने कहा कि धन शोधन निरोधक कानून के तहत अधिकतम सजा सात वर्ष है, लेकिन जेम्स छह वर्ष से अधिक समय जेल में बिता चुके हैं।
जेम्स को दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
वह इस मामले में जांच के दायरे में आए तीन कथित बिचौलियों में से एक हैं तथा अन्य दो गुइडो हैश्के और कार्लो गेरोसा हैं।
सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में दावा किया कि आठ फरवरी, 2010 को 55.62 करोड़ यूरो मूल्य के वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए हुए सौदे के कारण सरकारी खजाने को 39.82 करोड़ यूरो (लगभग 2,666 करोड़ रुपये) का अनुमानित नुकसान हुआ।
जून 2016 में जेम्स के खिलाफ दायर ईडी के आरोपपत्र में आरोप लगाया गया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से तीन करोड़ यूरो (लगभग 225 करोड़ रुपये) प्राप्त किए थे।
उच्चतम न्यायालय ने 18 फरवरी को सीबीआई मामले में उन्हें जमानत दे दी थी। (भाषा)