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बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ का आह्वान किया, हिंसा में छह और लोगों की मौत
05-Aug-2024 4:25 PM
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ का आह्वान किया, हिंसा में छह और लोगों की मौत

ढाका, 5 अगस्त बांग्लादेश में हजारों प्रदर्शनकारियों के ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ के लिए एकत्रित होने के दौरान सोमवार को फिर से हुई हिंसा में कम से कम छह लोगों की मौत हो गयी।

इससे एक दिन पहले, बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में झड़प में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी।

सरकार ने प्रदर्शनकारियों द्वारा आम जनता से ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ में भाग लेने का आह्वान करने के बाद इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का सुबह आदेश दिया।

बांग्ला भाषा के प्रमुख अखबार ‘प्रोथोम आलो’ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बहरहाल, एक सरकारी एजेंसी ने सोमवार अपराह्न करीब सवा एक बजे ब्रॉडबैंड इंटरनेट शुरू करने का मौखिक आदेश दिया है।

मोबाइल इंटरनेट बहाल करने को लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं हैं।

प्रदर्शनकारियों के राजधानी ढाका में जुटने के मद्देनजर पुलिस और सेना को सड़कों पर देखा गया।

‘द डेली स्टार’ अखबार ने बताया कि जात्राबाड़ी और ढाका मेडिकल कॉलेज इलाकों में पुलिस तथा प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के दौरान कम से कम छह लोगों की मौत हो गयी।

विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के कुछ छात्र ‘मार्च टू ढाका’ में भाग लेने के लिए सुबह 10 बजे से पहले और बाद में ढाका सेंट्रल शहीद मीनार पर एकत्रित हो गए, जिससे पुलिस को उन्हें खदेड़ने के लिए आंसू गैस छोड़नी पड़ी।

सभी छात्रों तथा उनके अभिभावकों से सुरक्षित घर लौटने का अनुरोध किया गया।

बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के सभी राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श करने के बाद राष्ट्र को संबोधित करने की संभावना है।

सेना ने एक बयान जारी कर लोगों से सेना अध्यक्ष के संबोधन तक संयम बनाए रखने को कहा है।

झड़पें रविवार की सुबह हुईं, जब प्रदर्शनकारी ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के बैनर तले आयोजित ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया तथा फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे को लेकर हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं।

‘प्रोथोम आलो’ ने बताया कि रविवार को हुई झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 101 लोगों की मौत हो गयी।

हिंसा के कारण प्राधिकारियों को मोबाइल इंटरनेट बंद करना पड़ा और पूरे देश में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू करना पड़ा।

‘एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट’ ने सोमवार को अपना ‘‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’’ आयोजित करने की योजना बनायी है, जिसे पूर्व में एक दिन बाद आयोजित किया जाना था।

आंदोलन के समन्वयक आसिफ महमूद ने रविवार रात को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि देश में बढ़ रही चिंताओं के बीच बुलायी गई एक आपात बैठक में यह फैसला लिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति की समीक्षा के लिए एक आपात फैसले में हमारा ‘मार्च टू ढाका’ कार्यक्रम छह अगस्त के बजाय पांच अगस्त को होगा। दूसरे शब्दों में, हम देशभर के छात्रों से सोमवार को ढाका आने का आह्वान कर रहे हैं।’’

उन्होंने आम जनता से इसमें भाग लेने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘अंतिम लड़ाई का वक्त आ गया है। इतिहास का हिस्सा बनने के लिए ढाका आइए। छात्र एक नया बांग्लादेश बनाएंगे।’’

कर्फ्यू के कारण अवामी लीग का सोमवार को होने वाला शोक जुलूस रद्द कर दिया गया है। राजधानी ढाका के विभिन्न इलाकों में सोमवार सुबह सड़कों पर वाहन बहुत कम दिखे।

‘प्रोथोम आलो’ ने बताया कि सरकार ने स्थिति तनावपूर्ण रहने पर इंटरनेट पर पूर्ण पाबंदी लगाने का आदेश दिया है।

सरकार ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी हमले हो रहे हैं। आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

देश में सोमवार से तीन दिवसीय सामान्य अवकाश की घोषणा की गयी है।

भारत ने बांग्लादेश में जारी हिंसा के कारण अपने सभी नागरिकों को अगली सूचना तक पड़ोसी देश की यात्रा न करने की सलाह दी है।

इस बीच, ‘यूनिवर्सिटी टीचर्स नेटवर्क’ ने तुरंत विभिन्न वर्गों और व्यवसायों के लोगों को मिलाकर एक अंतरिम सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया है।

इस प्रस्ताव के अनुसार, हसीना को अंतरिम सरकार को सत्ता सौंपनी होगी।

रविवार को हुई झड़पों से कुछ दिन पहले बांग्लादेश में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिली थीं, जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है।

सरकार ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’, ‘मैसेंजर’, ‘व्हॉट्सऐप’ और ‘इंस्टाग्राम’ को बंद करने का आदेश दिया। मोबाइल प्रदाताओं को 4जी इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया गया है।

प्रधानमंत्री हसीना ने शनिवार को आंदोलन के समन्वयकों के साथ वार्ता की पेशकश की थी। हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री का प्रस्ताव ठुकरा दिया।

सरकार में शामिल नेताओं ने पहले दावा किया था कि इस ‘‘शांतिपूर्ण अभियान’’ को जमात-ए-इस्लामी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा समर्थित छात्र मोर्चे ‘इस्लामी छात्र शिबिर’ ने ‘हाईजैक’ कर लिया है।

मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने देश के राजनीतिक नेतृत्व और सुरक्षा बलों से जीने के अधिकार और शांतिपूर्ण रूप से एकत्रित होने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करने को कहा है।  (भाषा)


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