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केंद्रपाड़ा (ओडिशा), 26 मई ओडिशा में केंद्रपाड़ा जिले के गहिरमाथा तट पर ओलिव रिडले समुद्री कछुए के लाखों बच्चे अंडों के छिलकों से बाहर निकलकर समुद्र की ओर बढ़ते नजर आए।
ओलिव रिडले कछुए अंडे देने के लिए हर साल ओडिशा के तट पर आते हैं।
एक वन अधिकारी ने बताया कि पूरा 'नासी-2' द्वीप कछुओं के बच्चों से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि भीतरकणिका राष्ट्रीय उद्यान के वन्यजीव अधिकारी वहां मौजूद हैं और इस अनूठी प्राकृतिक घटना के गवाह हैं।
ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव सुसांता नंदा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कछुओं के बच्चों की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘‘ओडिशा के तट के गहिरमाथा अभयारण्य में बड़ी संख्या में अंडों से निकले ओलिव रिडले के बच्चे समुद्र की ओर जा रहे हैं।’’
समुद्री कछुए ओलिव रिडले हर साल केंद्रपाड़ा जिले के गहिरमाथा समुद्री तट पर अंडे देने आते हैं और इस साल तीन अप्रैल से तीन लाख से अधिक मादा कछुआ अंडे देने समुद्र तट पर आई थीं।
अंडों से कछुओं के बच्चों के निकलने की प्रक्रिया कम से कम सात से 10 दिन की होती है।
वन अधिकारी ने बताया कि कछुए के बच्चे अंडे से बाहर निकलकर समुद्र में जाने से पहले लगभग एक घंटे तक रेतीले तट पर इधर-उधर घूमते रहे।
ये नाजुक बच्चे फुसफुसाहट की आवाज उत्पन्न करते हुए एक सुखदायक कोलाहल पैदा कर रहे थे। बाद में वे समुद्र की तरफ बढ़ गए।
प्राकृतिक प्रक्रिया के तहत अंडों को सेने (अंडों से बच्चे के निकलने तक उनपर बैठे रहना) के बाद 45 से 55 दिन के अंतराल के बाद बच्चे बाहर आते हैं। अंडों से बच्चों के निकलने की प्रक्रिया अपने आप में अनोखी है, क्योंकि "बच्चों का विकास मां के बिना होता है।" (भाषा)


