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भारत के पहले अंटार्कटिका मिशन को बहुत गोपनीय रखा गया था: शोधकर्ता
01-Dec-2023 4:49 PM
भारत के पहले अंटार्कटिका मिशन को बहुत गोपनीय रखा गया था: शोधकर्ता

पणजी, 1 दिसंबर भारत के अंटार्कटिका में अपना पहला वैज्ञानिक आधार स्टेशन स्थापित करने के चालीस साल बाद, मिशन से जुड़े शोधकर्ताओं ने शुक्रवार को याद किया कि कैसे इस ध्रुवीय क्षेत्र में देश के पहले अभियान को उनके प्रशिक्षकों और परिवार के सदस्यों सहित सभी से गुप्त रखा गया था।

अंटार्कटिका के लिए पहला भारतीय वैज्ञानिक अभियान 1981 में शुरू किया गया था और इस अभियान में 21 सदस्यीय टीम शामिल थी जिसका नेतृत्व डॉ. एस. जेड कासिम ने किया था। यह अभियान गोवा के तट से शुरू हुआ था।

अंटार्कटिका में देश का पहला वैज्ञानिक आधार स्टेशन ‘दक्षिण गंगोत्री’ 1983 में स्थापित किया गया था।

पहले अभियान के सदस्य डॉ. अमिताव सेन गुप्ता ने कहा, ‘‘ऑपरेशन (अंटार्कटिका पर पहले भारतीय वैज्ञानिक अभियान) को गुप्त रखा गया था। प्रारंभिक बैठकें बंद कमरों में हुई, जिसमें मंत्रिमंडल सचिवों और नौसेना प्रमुख सहित शीर्ष स्तर के अधिकारी शामिल हुए थे। हमें ऐसा लग रहा था जैसे कि हम किसी जेम्स बॉन्ड फिल्म में हों।’’

उन्होंने यहां से 40 किलोमीटर दूर वास्को शहर में राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र (एनसीपीओआर) में आयोजित 'अंटार्कटिका दिवस' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए याद किया कि कैसे उन्हें और उनकी टीम के साथियों को मिशन से पहले भारतीय नौसेना के जहाज पर प्रशिक्षित किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन असली चुनौती यह थी कि प्रशिक्षकों को यह नहीं पता था कि वे किसलिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। कई अनिश्चितताओं के कारण अभियान काफी हद तक गुप्त रहा।’’

उन्होंने कहा कि मिशन की गोपनीयता इतनी थी कि टीम के सदस्यों को इसके बारे में अपने परिवार को कुछ भी बताने की अनुमति नहीं थी।

एक दिसंबर को अंटार्कटिका दिवस 1959 में अंटार्कटिक संधि की वर्षगांठ के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।

इस मौके पर सेन गुप्ता और इस प्रथम अभियान के अन्य सदस्यों को एनसीपीओआर के निदेशक डॉ. थेम्बन मेलोथ ने सम्मानित किया।

मिशन के एक अन्य सदस्य एस. जी. प्रभु मातोंडकर ने कहा कि टीम के साथियों के बीच यह भावना थी कि इस अभियान के लिए राजनीतिक नेतृत्व द्वारा दिए गए समर्थन को देखते हुए उन्हें देश को कुछ वापस देना चाहिए।

पहले भारतीय वैज्ञानिक अभियान से पहले, भारत के शोधकर्ता सोवियत संघ अंटार्कटिक वैज्ञानिक अभियान का हिस्सा थे।

डॉ. परमजीत सिंह सेहरा 1971 में सोवियत संघ के अभियान के तहत अंटार्कटिका पहुंचने वाले पहले भारतीय थे।

सेहरा ने बताया कि कैसे दिवंगत वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई ने उन्हें इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

अंटार्कटिका में भारत का पहला वैज्ञानिक स्टेशन स्थापित करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले डॉ. हर्ष के. गुप्ता ने याद किया कि कैसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत के तीसरे अभियान के दौरान अंटार्कटिका में आधार स्टेशन स्थापित करने में सक्रिय रूप से मदद की थी। (भाषा) 


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