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नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर भारत निर्वाचन आयोग नौवीं कक्षा और उससे ऊपर के छात्रों को यह बताने के लिए कि वास्तव में लोकतंत्र का क्या मतलब है, जल्द ही शिक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौता करेगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
युवाओं को मतदाता के रूप में अपने मताधिकार का प्रयोग करने की “तत्काल” आदत डालने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आयोग का इरादा स्कूल स्तर पर ही (भावी) मतदाताओं के लिए 'नर्सरी' बनाने का है।
उन्होंने कहा, “छात्र जीवन से ही उनके मन में लोकतंत्र में मतदाता की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में समझ उत्पन्न करनी होगी।”
कुमार ने कहा, “उन्हें कम उम्र में ही समझाना होगा। वे 18 साल के हो गए हैं और मतदाता भी बन गए हैं, लेकिन मतदान, लोकाचार, परिमाण के बारे में उन्हें बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। कैसे मत देना है, किसे मत देना है और किन बातों का ध्यान रखना है - इसकी पृष्ठभूमि तैयार नहीं है।”
कुमार ने कहा कि एमओयू (समझौता ज्ञापन) के माध्यम से, निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की योजना बनाई है जिससे लोकतंत्र की जड़ें बच्चों के दिमाग में गहराई तक जाएं।
उन्होंने मतदाता जागरूकता फैलाने के लिए अभिनेता राजकुमार राव को निर्वाचन आयोग का ‘नेशनल आइकन’ नियुक्त करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में ये टिप्पणी की।
इससे पहले भी, निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए चुनावी साक्षरता पर जोर दिया था कि छात्र जिम्मेदार मतदाता बनें। (भाषा)