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‘मोदी और उनके सहयोगी’ अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए ‘सनातन’ का उपयोग कर रहे : उदयनिधि
07-Sep-2023 5:04 PM
‘मोदी और उनके सहयोगी’ अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए ‘सनातन’ का उपयोग कर रहे : उदयनिधि

चेन्नई, 7 सितंबर कथित सनातन धर्म विरोधी टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीखे हमले के बाद द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर हुए और भाजपा नेताओं पर पिछले सप्ताह यहां आयोजित लेखकों के सम्मेलन में इस मुद्दे पर उनके बयानों को ‘‘तोड़ मरोड़कर पेश’’ करने का आरोप लगाया।

द्रमुक की युवा शाखा के प्रमुख उदयनिधि राज्य के युवा कल्याण एवं खेल विभाग के मंत्री हैं। उन्होंने इस संबंध में हर तरह के मामलों का कानूनी रूप से सामना करने का संकल्प जताया।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि वह मणिपुर हिंसा को लेकर उठते सवालों का सामना करने से डरकर ‘‘दुनिया भर में घूम रहे हैं’’। उनकी इस टिप्पणी से एक दिन पहले प्रधानमंत्री ने नयी दिल्ली में अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ तमिलनाडु के नेता की कथित सनातन धर्म विरोधी टिप्पणियों को लेकर विवाद पर चर्चा की थी।

मोदी ने कहा था कि ऐसी बयानबाजी करने वाले दलों और नेताओं को बेनकाब किया जाना चाहिए और सच्चाई लोगों के सामने लानी चाहिए।

उदयनिधि स्टालिन ने कहा, ‘‘पिछले नौ वर्षों से आपके (भाजपा) सभी वादे खोखले रहे हैं। आपने वास्तव में हमारे कल्याण के लिए क्या किया है, यह सवाल वर्तमान में फासीवादी भाजपा सरकार के खिलाफ पूरा देश एकजुट होकर उठा रहा है। यह इसी पृष्ठभूमि में है कि भाजपा नेताओं ने टीएनपीडब्ल्यूएए सम्मेलन में मेरे भाषण को तोड़-मरोड़कर ‘नरसंहार भड़काने वाला’ बताया। वे इसे खुद को बचाने का हथियार मानते हैं।’’

उदयनिधि ने कहा ‘‘ आश्चर्य की बात यह है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री ‘‘फर्जी खबर’’ के आधार पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूरी निष्पक्षता से कहें तो मुझे उनके खिलाफ आपराधिक मामले और अन्य अदालती मामले दायर करना चाहिए क्योंकि उन्होंने सम्मानजनक पदों पर रहते हुए मुझे बदनाम किया। लेकिन मुझे पता है कि यह उनके अपने अस्तित्व को बचाए रखने का तरीका है। वे नहीं जानते कि अस्तित्व बचाने का और तरीका क्या है, इसलिए मैंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया है।’’

वह द्रमुक के संस्थापक, द्रविड़ वरिष्ठ नेता दिवंगत सीएन अन्नादुरई के राजनीतिक उत्तराधिकारियों में से एक हैं।

उन्होंने अन्नादुरई के कथन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि हम किसी भी धर्म के दुश्मन नहीं हैं। मैं धर्मों पर अन्ना की टिप्पणी बताना चाहूंगा जो आज भी प्रासंगिक है। अगर कोई धर्म लोगों को समानता की ओर ले जाता है और उन्हें भाईचारा सिखाता है, तो मैं भी एक अध्यात्मवादी हूं। अगर कोई धर्म लोगों को जातियों के नाम पर विभाजित करता है, अगर वह उन्हें अस्पृश्यता और गुलामी सिखाता है तो मैं ऐसे धर्म का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा।’’

उन्होंने कहा कि द्रमुक उन सभी धर्मों का सम्मान करती है जो सिखाते हैं कि हर कोई जन्म से समान होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन प्रतीत होता है कि इनमें से किसी के बारे में उन्हें बिल्कुल भी समझ नहीं है। ‘मोदी और उनके सहयोगी’ संसदीय चुनावों का सामना करने के लिए पूरी तरह से इस तरह की बदनामी पर निर्भर हैं। मैं उनके लिए केवल खेद महसूस कर सकता हूं। पिछले नौ वर्षों से मोदी कुछ नहीं कर रहे। कभी वह नोटबंदी करते हैं, झोपड़ियों को छिपाने के लिए दीवार बनाते हैं, नया संसद भवन बनाते हैं, वहां सेंगोल (राजदंड) खड़ा करते है, देश का नाम बदलकर खिलवाड़ करते हैं, सीमा पर खड़े होकर सफेद झंडा लहराते हैं।’’

उन्होंने पूछा, ‘‘क्या पिछले नौ वर्षों में केंद्र सरकार की ओर से द्रमुक की ‘‘पुधुमई पेन’’ या मुख्यमंत्री नाश्ता योजना या कलैग्नार की महिला अधिकार योजना जैसी कोई प्रगतिशील योजना आई है? क्या उन्होंने मदुरै में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) बनाया है? क्या उन्होंने कलैग्नार शताब्दी पुस्तकालय जैसी किसी ज्ञान मुहिम को आगे बढ़ाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में मणिपुर के बारे में सवालों का सामना करने से डरकर वह अपने दोस्त (गौतम) अडाणी के साथ दुनिया भर में घूम रहे हैं। सच तो यह है कि लोगों की अज्ञानता ही उनकी नाटकीय राजनीति की पूंजी है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी और उनके सहयोगी मणिपुर में भड़के दंगों में 250 से अधिक लोगों की हत्या और 7.5 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार समेत मुद्दों और तथ्यों से ध्यान भटकाने के लिए ‘सनातन’ धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए बहुत सारा काम है, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शामिल है और उन्होंने उनसे उस पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सूचित करना चाहूंगा कि हमारे पार्टी अध्यक्ष (तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन) के मार्गदर्शन और हमारी पार्टी आलाकमान की सलाह पर मैं अपने खिलाफ दायर मामलों का कानूनी रूप से सामना करूंगा।’’

सनातन धर्म पर टिप्पणी को लेकर हंगामे के बाद उत्तर प्रदेश के एक संत द्वारा उनके सिर पर 10 करोड़ रुपये का इनाम घोषित करने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘ये संत ही हैं जिन्हें आज बहुत प्रचार की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा ही एक संत सामने आया है और उसने मेरे सिर पर 10 करोड़ रुपये इनाम रखा है। मेरे सिर की कीमत से ज्यादा मुझे आश्चर्य इस बात पर है कि जिसने सब कुछ त्यागने का दावा किया है उसके पास 10 करोड़ रुपये कैसे हो सकते हैं। इसके अलावा प्रतीत होता है कि देश के विभिन्न थानों और माननीय अदालतों में मेरे खिलाफ शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। इस स्थिति में मुझे बताया गया है कि हमारी पार्टी के सदस्य विभिन्न थानों में उस संत के खिलाफ शिकायतें दर्ज करा रहे हैं, उनके पुतले जला रहे हैं और निंदा वाले पोस्टर लगा रहे हैं, जिसने मुझे जलाने के अलावा जान से मारने की धमकी दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम दूसरों को शालीनता सिखाने वाले लोग हैं। हमारे नेताओं ने हमें यही सिखाया है। इसलिए मैं हमारे आंदोलन के साथियों से आग्रह करता हूं कि वे ऐसी चीजों से पूरी तरह बचें। इसके अलावा कई गतिविधियों से जुड़े कार्य और जनकार्य हमारा इंतजार कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि दिवंगत करुणानिधि के शताब्दी समारोह के मौके पर मुख्यमंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने सरकार और पार्टी की ओर से कई काम सौंपे हैं। इसके अलावा युवा शाखा के दूसरे राज्य सम्मेलन, संसदीय चुनाव और कई अन्य चीजों के लिए काम करना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जब इतना काम करना है, तो मैं अपने कैडरों से अनुरोध करता हूं कि वे उन कार्यों में शामिल न हों जो हमारा समय बर्बाद करते हैं जैसे संतों के खिलाफ मामले दर्ज करना, या उनके पुतले जलाना। मैं बताना चाहता हूं कि मैं हमारे पार्टी अध्यक्ष के मार्गदर्शन और हमारी पार्टी आलाकमान की सलाह पर अपने खिलाफ दायर मामलों का कानूनी रूप से सामना करूंगा।’’

उदयनिधि ने अपनी पार्टी के कट्टर प्रतिद्वंद्वी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) और उसके महासचिव एडप्पडी के. पलानीस्वामी पर भी निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम विपक्ष में थे, तो हम चावल, किराने का सामान और सब्जियों सहित आवश्यक वस्तुओं को वितरित करने के लिए घर-घर जाते थे। तब अन्नाद्रमुक और भाजपा क्या कर रहे थे? वे घंटी बजाकर और दीपक जलाकर कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम आज सत्तारूढ़ दल हैं। आज भी हम कलैग्नार (दिवंगत एम करुणानिधि) की शताब्दी को सार्थक रूप से मनाने के लिए कल्याणकारी सहायता प्रदान करने के वास्ते घर-घर जा रहे हैं। दूसरी ओर अन्नाद्रमुक गीत-संगीत की पृष्ठभूमि में इमली चावल सम्मेलन आयोजित कर रही है...।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पलानीस्वामी उनके हर इशारों पर नाच रहे हैं और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ जैसे मामलों पर उनका समर्थन कर रहे हैं।’’ (भाषा) 


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