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मणिपुरः 'महिला समूह ने मुझे अग़वा किया और पुरुषों को सौंप दिया', 18 साल की कुकी युवती के आरोप
23-Jul-2023 12:39 PM
मणिपुरः 'महिला समूह ने मुझे अग़वा किया और पुरुषों को सौंप दिया', 18 साल की कुकी युवती के आरोप

मणिपुर के इंफाल ईस्ट में एक 18 साल की लड़की के अपहरण और गैंगरेप की 15 मई को हुई घटना अब सामने आई है.

‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 21 जुलाई को कुकी समुदाय की लड़की की शिकायत के बाद ज़ीरो एफ़आईआर दर्ज की गई है.

इस एफ़आईआर के मुताबिक़ पीड़िता का कहना है कि उसे मैतेई महिलाओं के एक समूह ने, जिसकी उसने पहचान मीरा पैबिस (महिला मशालधारी), जिन्हें ‘मदर्स ऑफ़ मणिपुर’ भी कहा जाता है, ने पकड़ा और हथियारबंद पुरुषों के समूह को सौंप दिया.

बलात्कार पीड़ित लड़की को गंभीर हालत में पड़ोसी प्रांत नगालैंड के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था. ये लड़की शुक्रवार को कांगपोकपी पुलिस थाने पहुंची जिसकी बाद अपहरण, हत्या का प्रयास, गैंगरेप और एसटी एक्ट के तहत ज़ीरो एफ़आईआर दर्ज की गई.

अख़बार के मुताबिक़, इस मामले को अब इंफाल ईस्ट पुलिस ज़िले में स्थानांतरित कर दिया गया है.

मणिपुर में 3 मई को मैतेई और कुकी समूहों के बीच नस्लीय हिंसा शुरू हुई थी. उसके बाद से बलात्कार के कई मामले सामने आए हैं.

बुधवार को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराये जाने का वीडियो सामने आने के बाद इस मामले में पीड़िता सामने आई है और एफ़आईआर दर्ज कराई है.

एफ़आईआर के मुताबिक़, 15 मई को शाम क़रीब पांच बजे चार लोगों ने बैंगनी रंग की एक कार में अग़वा किया और पीटा.

पीड़िता की आपबीती
युवती ने अपनी शिकायत में लिखा है, “उसके बाद उन्होंने मीरा पैबिस और कई स्थानीय लोगों को बुलाया, जिन्होंने बारी-बारी से मुझे मुक्के मारे. फिर मैंने सुना एक महिला कह रही थी कि अरामबाई तेंगोल को बुलाओ. इसके काली शर्ट पहने चार लोग आए, उनके पीठ पर कुछ लोगो बना था, सभी के पास हथियार थे.”

पीड़िता का कहना है कि दो पुरुष तीस वर्ष के लगभग उम्र के थे जबकि दो 50 के आसपास के थे.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक़, पीड़िता ने अपनी एफ़आईआर में कहा है कि महिलाओं ने पुरुषों से स्पष्ट रूप से कहा था कि इसे मार दो. इसके बाद चारों लोग पीड़िता को एक अन्य कार में लेकर वहां से चले गए.

एफ़आईआर में पीड़िता ने कहा है, “वो लगातार मुझे मार रहे थे, बंदूकों की बट से मारा. फिर वो एक जगह लेकर गए जो पहाड़ी की चोटी पर थी, यहां उन्होंने मुझे मारने की योजना बनाई.”

पीड़िता के मुताबिक़ चार में से तीन लोगों ने एक और जगह ले जाकर बारी-बारी से बलात्कार किया.

पीड़िता ने लिखा है, “इस समय तक मेरे कानों, चेहरे और सिर से ख़ून बह रहा था और मेरे कपड़े खून में भीग गए थे.”

पीड़िता ने अपनी एफ़आईआर में बताया है कि बलात्कार करने वाले तीन लोगों और ना करने वाले अन्य व्यक्ति के बीच बहस हुई कि इस लड़की को मारना है या नहीं. इसी दौरान उनमें से एक ने कार मोड़ी जिससे टकराकर पीड़िता पहाड़ी पर लुढ़क गई और नीचे सड़क पर आ गिरी जहां एक ऑटो ड्राइवर ने उसे लिफ्ट दी और थाने पहुंचाया.

पीड़िता का कहना है कि थाने में सभी पुलिसकर्मी मैतेई थे, जिसके बाद उसने ऑटो ड्राइवर से ही घर छोड़ने की गुहार लगाई.

पीड़िता ने कहा है कि 16 मई को उसने इंफाल छोड़ दिया और फिर वो सेपोरमीना गांव पहुंची.

पीड़िता ने बताया है, “मुझे कांगपोकपी ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन हालत ख़राब होने पर कोहिमा के अस्पताल भेज दिया गया.”  (bbc.com)
 


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