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नई दिल्ली, 12 नवंबर । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया है कि सुभाष चंद्र बोस अखंड भारत के पहले प्रधानमंत्री थे.
शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में एक यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि आज़ादी मिलने के बाद सुभाष चंद्र बोस के योगदान को या तो नज़रअंदाज़ किया गया या फिर कमतर कर आंका गया.
समाचार एजेंसी के अनुसार उन्होंने कहा, "नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भूमिका और उनके विज़न का फिर से मूल्यांकन करने की ज़रूरत है. मैं इसे कोर्स करेक्शन कहता हूं. आज़ाद हिंद सरकार भारत की पहली ‘स्वदेशी’ सरकार थी. मुझे इसे पहली ‘स्वदेशी’ सरकार कहने में कोई संकोच नहीं है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपनी सरकार बनाई थी और 21 अक्टूबर 1943 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी."
नेताजी सुभाष चंद्र बोस
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद नेताजी को अहमियत और सम्मान देने के प्रयास किए जा रहे हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा, "ऐसा समय था, जब आज़ाद भारत में नेताजी के योगदान को या तो नज़रअंदाज़ किया गया या फिर कम कर आंका गया. इसका सही मूल्यांकन नहीं हुआ. यहां तक कि उनसे जुड़े कई दस्तावेज़ों को सार्वजनिक नहीं किया गया था."
"2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सम्मान देना शुरू किया, जिसके वो हमेशा से हक़दार थे."
राजनाथ सिंह ने कहा कि जब वो गृहमंत्री थे तब नेताजी के परिवार से मिले थे जिसके बाद नेताजी से संबंधित क़रीब 300 दस्तावेज़ सार्वजनिक किए गए थे.
उन्होंने कहा, "कभी कभी लोग हैरान होते हैं कि नेताजी के बारे में और ऐसा क्या है जो उन्हें नहीं पता. अधिकतर लोग उन्हें एक स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर ही जानते हैं, जिन्होंने आज़ाद हिंद फौज बनाई थी. लेकिन बेहद कम लोग जानते हैं कि वो अखंड भारत के पहले प्रधानमंत्री थे."
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज़ाद हिंद फौज कोई प्रतीकात्मक सरकार नहीं थी बल्कि उस सरकार ने मानव जीवन से संबंधित कई अहम बिंदुओं पर अपने विचार और नीतियां सामने रखी थीं. इस सरकार का अपना पोस्टल स्टांप, करेंसी और ख़ुफ़िया सर्विस भी थी. (bbc.com/hindi)