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नई दिल्ली, 7 नवंबर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट के ईडब्ल्यूएस कोटे पर दिए गए फै़सले का स्वागत किया है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "कांग्रेस, सुप्रीम कोर्ट के 103वें संवैधानिक संशोधन को बरकरार रखने के फै़सले का स्वागत करती है."
उन्होंने कहा कि साल 2005-2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आयोग का गठन किया था. इस आयोग ने साल 2010 में अपनी रिपोर्ट दी थी. संविधान में 103वें संशोधन इस प्रक्रिया का ही नतीजा है.
आयोग की रिपोर्ट पर विचार विमर्श के बाद ही 2014 में विधेयक तैयार किया था.
क्या है फैसला?
आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 फ़ीसदी आरक्षण जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट की पाँच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने सोमवार को ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आरक्षण को बरकरार रखा है.
चीफ़ जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली पाँच जजों की बेंच ने बहुमत से ईडब्लूएस कोटे के पक्ष में फ़ैसला सुनाया और कहा कि 103वां संविधान संशोधन वैध है.
भारत के संविधान में 103वां संशोधन करके सामान्य वर्ग के ग़रीब छात्रों के लिए आरक्षण का ये प्रावधान किया गया है.
सबसे पहले जस्टिस दिनेश महेश्वरी ने अपना फ़ैसला सुनाया और ये भी कहा कि ईडब्लूएस आरक्षण से अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को बाहर रखना भी संवैधानिक तौर पर वैध है. (bbc.com/hindi)


