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अमृता फडणवीस की सुरक्षा बढ़ने पर क्यों उठाए सवाल?- प्रेस रिव्यू
02-Nov-2022 12:40 PM
अमृता फडणवीस की सुरक्षा बढ़ने पर क्यों उठाए सवाल?- प्रेस रिव्यू

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नई दिल्ली, 2 नवबर । महाराष्ट्र गृह विभाग ने राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस की सुरक्षा को X से बढ़ाकर Y+ कर दिया गया है. इसके अलावा उन्हें ट्रैफ़िक क्लियरंस के लिए एक गाड़ी भी दी गई है.

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अमृता फडणवीस के साथ चौबीसों घंटे के लिए एक एस्कॉर्ट व्हीकल और पाँच पुलिसवाले तैनात रहेंगे. ट्रैफ़िक क्लियरंस व्हीकल का काम लगभग एक पायलट कार की तरह ही होता है. यानी ये गाड़ी अमृता फडणवीस के सफर करने के दौरान ट्रैफ़िक हटाएगी.

अखबार ने पुलिस सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मुंबई पुलिस के बचाव और सुरक्षा विभाग ने ट्रैफ़िक अथॉरिटीज़ को इस संबंध में ज़रूरी निर्देश दे दिए हैं लेकिन अमृता फडणवीस ने अभी तक ट्रैफ़िक क्लियरंस कार का इस्तेमाल नहीं किया है.

पत्नी का सुरक्षा घेरा बढ़ाए जाने पर सवाल को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "अमृता फडणवीस ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए कोई आवेदन नहीं किया था. उनके ऊपर ख़तरे को भांपते हुए, हाई-पावर कमेटी ने सुरक्षा दी है. ट्रैफ़िक क्लियरंस गाड़ी भी नहीं मांगी गई थी. अमृता ने पुलिस को साफ़-साफ़ कहा था कि उन्हें ट्रैफ़िक क्लियरंस गाड़ी की ज़रूरत नहीं है."

उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया है कि इस तरह के ट्रैफ़िक क्लियरंस गाड़ियां पूरे ठाकरे परिवार और बहुत से अन्य लोगों को दी जा चुकी हैं. ये पद से जुड़ा मामला नहीं है बल्कि ख़तरे की आशंका से जुड़ है. इसलिए ऐसे भी लोग हैं जो कि विधायक तक नहीं लेकिन उन्हें Z या Z+ सुरक्षा तक दी गई है."
पुलिस अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि ट्रैफ़िक क्लियरंस गाड़ी आमतौर पर सिर्फ़ उन्हें दी जाती है, जो संवैधानिक पदों पर होते हैं.

शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता और ठाकरे परिवार के करीबी ने अख़बार से कहा, "रश्मि ठाकरे (उद्धव ठाकरे की पत्नी) और तेजस ठाकरे के पास दो सुरक्षाकर्मी है लेकिन ट्रैफ़िक पुलिस नहीं. आमतौर पर अगर ट्रैफ़िक पुलिस के कर्मी होते हैं तो वो पहले कंट्रोल रूम में फ़ोन कर के ट्रैफ़िक की स्थिति पता करते हैं और उसे तेज़ी से हटाने के लिए भी कहते हैं. लेकिन सीएम या एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के अलावा किसी के लिए भी ट्रैफ़िक को रोका नहीं जा सकता."
सुरक्षा घेरा कैसे तय होता है?
एक अधिकारी ने नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर अख़बार से कहा, "2 अक्टूबर को एसआईडी यानी राज्य ख़ुफ़िया विभाग कमिश्नर के कार्यालय ने एक नोट जारी किया कि अमृता फडणवीस का सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया है. उन्होंने राज्य में मौजूद एसआईडी की सभी इकाइयों के प्रमुखों को ये निर्देश भी दिया कि उनके क्षेत्र में अमृता फडणवीस के आने पर उन्हें ट्रैफ़िक क्लियरंस उपलब्ध कराई जाए."
सुरक्षा घेरा बढ़ाने की प्रक्रिया पर बात करते हुए इस अधिकारी ने अख़बार को बताया कि एसआईडी कमिश्नर इस संबंध में 'उच्च समिति' के साथ बैठक करते हैं.

ये समिति ही किसी के सुरक्षा घेरा बढ़ाने या घटाने से जुड़े सुझाव देती है.

ये सुझाव राज्य भर में ख़ुफ़िया विभागों से मिली जानकारी और संबंधित व्यक्ति पर खतरे की आशंका को ध्यान में रखकर दिए जाते हैं.

इन सुझावों को 'समीक्षा समिति' के पास भेजा जाता है, जिसकी अध्यक्षता राज्य से चीफ़ सेक्रेटरी करते हैं और इसके बाद अंतिम फ़ैसला लिया जाता है.

हालाँकि, इस मामले पर चीफ़ सेक्रेटरी मनू कुमार श्रीवास्तव और एसआईडी कमिश्नर आशुतोष डंबरे ने अख़बार के सवालों पर टिप्पणी नहीं की.(bbc.com/hindi)


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