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नई दिल्ली, 26 जुलाई | विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत तथाकथित सीपीईसी (चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर) में परियोजनाओं का ²ढ़ता से और लगातार विरोध करता रहा है। ये क्षेत्र भारतीय क्षेत्र है जिस पर पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। बागची ने आगे कहा, ऐसी गतिविधियां स्वाभाविक रूप से अवैध, नाजायज और अस्वीकार्य हैं, और भारत द्वारा उनके अनुसार व्यवहार किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की परियोजनाओं में तीसरे देशों के शामिल होने की रिपोर्ट को सरकार द्वारा देखा गया है और किसी भी पार्टी द्वारा ऐसी किसी भी गतिविधि को सीधे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन माना गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान उन खबरों के बाद आया है जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तान और चीन ने अरबों डॉलर के सीपीईसी प्रोजेक्ट में शामिल होने के इच्छुक तीसरे देशों का स्वागत करने का फैसला किया है और कहा है कि यह पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के लिए एक खुला और समावेशी मंच है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वय पर संयुक्त कार्य समूह की तीसरी बैठक पिछले सप्ताह वर्चुअल मोड में आयोजित की गई थी।(आईएएनएस)