राष्ट्रीय

इस्राएल में 85 प्रतिशत वयस्कों को कोरोना वायरस के खिलाफ टीका लग चुका है, लेकिन देश में एक बार फिर महामारी रफ्तार पकड़ रही है. जानकार चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि देश कहीं संकट की तरफ तो नहीं बढ़ रहा.
85 प्रतिशत व्यस्क आबादी को टीका लगा देने के बाद इस्राएल में अब संक्रमण के इतने नए मामले सामने आने लगे हैं जितने पिछले तीन महीनों में नहीं आए. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि पिछले 24 घंटों में 307 नए मामले सामने आए. यह तीन महीनों में नए मामलों का सबसे बड़ा आंकड़ा है. मंत्रालय का अनुमान है कि आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी. इससे देश में फिर से संकट के पैदा होने को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं.
इस्राएल की आबादी है 93 लाख, और अभी तक 51 लाख लोगों को टीके की दोनों खुराकें मिल चुकी हैं. इनके अलावा चार लाख अतिरिक्त लोगों को कम से कम एक खुराक मिल चुकी है. हाल के महीनों में टीकाकरण का विस्तार देखते हुए देश में कोरोना की रोकथाम के लिए लागू लगभग सभी प्रतिबंधों को हटा दिया गया था. दुकानों, स्कूलों और सभाएं आयोजित करने के स्थानों को खोल दिया गया था.
सब के लिए चेतावनी
अब इन कदमों को दूसरे देशों के लिए एक अग्रिम चेतावनी की तरह लिया जा रहा है. सरकार अब बच्चों को टीका लगाने की तरफ तेजी से बढ़ रही है. देश के मुख्य हवाई अड्डे पर और कड़े यात्रा संबंधित प्रतिबंध लगाने पर भी विचार हो रहा है. इस्राएल के प्रधानमंत्री नफताली बेनेट ने हजारों बच्चों को जुलाई के मध्य तक टीका लगाने के एक अभियान की घोषणा की है. संक्रमण से हो रही मौतों को लेकर स्थिति इतनी चिंताजनक नहीं है.
पिछले दो हफ्तों में देश में कोविड-19 से सिर्फ एक मौत दर्ज की गई है. इस सप्ताह बच्चों के टीकाकरण के मामले में अभी तक की सबसे ज्यादा संख्या दर्ज की गई. सरकार ने घरों के अंदर मास्क पहनने को एक बार फिर अनिवार्य कर दिया है. बेनेट ने पहली बार बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों के आने जाने के प्रबंधन को देखने के लिए एक कोरोना वायरस आयुक्त नियुक्त किया.
पर्यटन को ना
प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे को कोरोना के आगे "एक बड़ी राष्ट्रीय कमजोरी" बताया. गृह मंत्री अयेलेट शाकेद ने कहा कि अगर स्थिति और बिगड़ी तो अधिकारी हवाई अड्डे को बंद करने के लिए तैयार हैं. हारेत्ज अखबार ने दावा किया है कि सरकार "ग्रीन पास" सिस्टम को वापस लाने के बारे में विचार कर रही है जो ऐसे लोगों को कुछ स्थानों तक जाने और कुछ गतिविधियों में शामिल होने से रोकता है जिन्होंने टीका नहीं लिया.
पिछले सप्ताह सरकार ने डेल्टा वेरिएंट के प्रसार को लेकर चिंताओं के बीच टीका ले चुके पर्यटकों को आने की अनुमति देने की योजना को रोक दिया. महामारी के दौरान देश को लगभग बंद कर देने के बाद, पर्यटकों को देश के अंदर आने की अनुमति गुरुवार एक जुलाई से मिलने वाली थी. सीमित रूप से टीका ले चुके पर्यटकों के समूहों का आना मई में ही शुरू हो चुका था. लेकिन पिछले 10 दिनों में संक्रमण के नए मामलों में आई बढ़ोतरी की वजह से इस प्रक्रिया को एक अगस्त तक के लिए टाल दिया गया है. (dw.com)
सीके/एए (एपी)