राष्ट्रीय

नई दिल्ली, 20 जून| दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने रविवार को कहा कि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से जाली सोने के बदले 11 करोड़ रुपये का कर्ज लेने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान 58 वर्षीय मीनू मनचंदा, 36 वर्षीय नवेंद्र शर्मा और 27 वर्षीय सोनू शर्मा के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, धनलक्ष्मी बैंक की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था, जो अपने ग्राहकों को सोने के गहनों पर ऋण प्रदान करता है।
आरोपी व्यक्तियों ने बैंक अप्रेजर विजय मनचंदा, करोल बाग शाखा प्रबंधक आशीष कुमार और कनॉट प्लेस शाखा प्रबंधक रजत शर्मा की मिलीभगत से 2013 में नकली सोने के गहनों से गोल्ड लोन लिया।
आरोपियों को बैंक ने करीब 47 किलो वजन के सोने के गहनों के बदले करीब 11 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। हालांकि, सितंबर 2013 के अंत तक एक आंतरिक औचक निरीक्षण के दौरान, उस समूह को दिए गए स्वर्ण ऋण के संबंध में कुल भार और शुद्धता पर संदेह आदि में कुछ विसंगतियां देखी गईं।
पुलिस ने कहा, "मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर बैंक द्वारा बाद में पुन: सत्यापन करने पर यह पता चला कि आरोपी ने नकली सोने के गहनों के बदले स्वर्ण ऋण लिया था।"
फोरेंसिक विश्लेषण से यह भी पता चला है कि गिरवी रखे गए अधिकांश गहनों में सोने की मात्रा लगभग शून्य है और कुछ गहनों में यह शून्य से नौ कैरेट तक है।
इसके अलावा सरकार द्वारा अनुमोदित मूल्यांकक की रिपोर्ट के अनुसार, गिरवी रखे गए सोने का मूल्य लगभग नगण्य है।
पुलिस ने कहा, "वजन में भी भारी अंतर था जिसके कारण अत्यधिक ऋण स्वीकृत किया गया था जिसके लिए वे हकदार नहीं थे। वर्तमान मामले में, नकली स्वर्ण ऋण के दस आरोपी लाभार्थियों और धनलक्ष्मी बैंक के तत्कालीन दो शाखा प्रबंधकों को गिरफ्तार किया गया और आरोपी को अदालत में पेश करने के लिए चार्जशीट दायर किया गया है।"
मीनू मनचंदा मुख्य आरोपी विजय मनचंदा की पत्नी है, जबकि नवेंद्र शर्मा और सोनू शर्मा दोनों उसके कर्मचारी थे। नकली सोने के गहनों पर कर्ज लेने के आरोप में तीन गिरफ्तारी हुई है। (आईएएनएस)