नारायणपुर

गर्ल्स आवासीय कॉलेज छात्रावास संचालन की मांग, घेरा कलेक्टोरेट
03-Dec-2024 10:09 PM
गर्ल्स आवासीय कॉलेज छात्रावास संचालन की मांग, घेरा कलेक्टोरेट

 लिखित आश्वासन के बाद मानीं छात्राएं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नारायणपुर, 3 दिसंबर। आज जिले में संचालित रमोंतीन मडिय़ा महिला कॉलेज की छात्राएं सैकड़ों की संख्या में एसएसयूआई के साथ गल्र्स आवासीय कॉलेज छात्रावास संचालन कराने की मांग को लेकर कलेक्टर घेराव को पहुंचीं । अफसरों के लिखित आश्वासन के बाद मानीं।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में छत्तीसगढ़ के सभी जिले में आवासीय गल्र्स कॉलेज की स्थापना की गई थी, जिसके तहत नारायणपुर जिले में भी गल्र्स कॉलेज का संचालन किया गया। आवासीय गल्र्स कॉलेज जो विगत तीन वर्ष से संचालित हो रही है, उसका हॉस्टल संचालित नहीं होने से जिले के अंदरूनी इलाके अबूझमाड़ से शिक्षा ग्रहण करने आने वाली छात्राओं को जिले में रह कर अध्ययन करने में बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई)ने आज कन्या महाविद्यालय की सैकड़ों छात्राओं के साथ कलेक्टर ऑफिस का घेराव किया और शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर घंटों धरने पर बैठी रहीं।

जिले मंे आवासीय महाविद्यालय की हॉस्टल संचालन नहीं होने से नारायणपुर जिले के आस-पास से आ रही ग्रामीण इलाके की छात्राओं को किराए के मकान में रह कर कॉलेज आना-जाना करना पड़ता है। अबूझमाड़ इलाके में अधिकतर व्यक्तियों की आय का साधन कृषि है जिसके चलते अपने बच्चों को वह स्कूल तक की शिक्षा गांव में ही करवा कर आगे की शिक्षा ग्रहण कराने गांव से शहर महाविद्यालय की ओर भेजते हैं और उनको हॉस्टल नहीं मिल पाने से आधे से ज्यादा बच्चे पढ़ाई छोड़ कर गांव वापस चले जाते हैं।

बीएससी फाइनल में अध्ययनरत छात्रा मोनिका नेताम ने बताया कि वह लगातार जिला प्रशासन और महाविद्यालय प्राचार्य से छात्राओं को रहने में हो रही परेशानियों को लेकर कई बार अवगत कराई, पर कोई रास्ता नहीं निकल रहा है जिससे हमारे कुछ साथी पढ़ाई छोड़ कर गांव वापस जाने को मजबूर हैं।

जिला अध्यक्ष विजय सलाम ने बताया कि पूर्व भूपेश बघेल जी की सरकार में छात्राओं को शिक्षा से मजबूत बनाने गांव से निकल कर शहर में रह कर पढ़ाई कराने के उद्देश्य से आवासीय महाविद्यालय की घोषणा की थी, जो संचालित होने भी शुरू हो गया एवं हॉस्टल का निर्माण भी पूर्ण हो चुका है, उसके बाद भी प्रशासन हॉस्टल संचालित करने में रुचि नहीं दिखा रही जिससे अबूझमाड़ की बच्चियों को आवासीय छात्रावास की सुविधा नहीं मिल पा रही और वह वापस अपने गांव पढ़ाई छोड़ कर चली जा रही हैं, जो कि कहीं न कहीं छात्राओं के अधिकार को मारा जा रहा है।

ओरछा अबूझमाड़ जनपद उपाध्यक्ष उमेश कर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिए कि अबूझमाड़ की बच्चियां आगे आकर पढ़ाई करती हंै तो वह गांव के विकास में भी अपना योगदान देती हैं। एक ओर बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा सरकार चलाती है पर सर्व  शिक्षा प्रदाय करने में भाजपा सरकार फेल नजर आ रही है ।


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