महासमुन्द

प्रबंधकों ने जॉइन नहीं की ड्यूटी, कहा-धान खरीदी ड्यूटी से मूल कार्य पूरी तरह हो प्रभावित होंगे
14-Nov-2025 4:28 PM
प्रबंधकों ने जॉइन नहीं की ड्यूटी, कहा-धान खरीदी ड्यूटी से मूल कार्य पूरी तरह हो प्रभावित होंगे

 बिना अनुभव धान खरीदी कार्य से जता रहे असमर्थता

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,14नवंबर। सहकारी कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के मद्देनजर जिले की 182 सहकारी समितियों में शासन के आदेश पर प्रशासन ने पटवारियों तथा आरईओ को तैनात करने आदेश दिया। लेकिन कल गुरुवार को किसी भी सहकारी समिति के प्रबंधकों के तौर पर कोई भी आरईओ तथा पटवारी ने ज्वाइन नहीं किया। फलस्वरूप अब धान खरीदी को लेकर किसानों के साथ प्रशासन की भी चिंता बढ़ गई है। आदेश के बाद से ही नये प्रबंधकों जिसमें पटवारी और आरईओ शामिल हैं, ने प्रदेश स्तर पर ही इसका विरोध शुरू कर दिया है। पटवारी तथा आरईओ आई दोनों ही संघ अब शासन से धान खरीदी में ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग कर रहे हैं। इसके बाद भी ड्यूटी लगाई जाती है तो दोनों संघ बहिष्कार जैसी चेतावनी भी दे रहें हैं। ऐसे में अब शासन-प्रशासन के समक्ष नया सिर दर्द शुरू हो रहा है कि आखिरकार धान खरीदी इस वर्ष होगी कैसे?

मिली जानकारी के अनुसार बीते 12 नवंबर को ही प्रशासन की ओर से सभी 182 समितियों संबंधित आदेश निकाला गया। इसके बाद से ही दोनों संगठनों में इस निर्णय को लेकर विरोध के स्वर हैं। आरईओ अविनाश चन्द्राकर के अनुसार प्रशासन के ओर से ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों तथा कृषि विकास अधिकारियों का समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिये नियुक्त किया गया है। लेकिन नियुक्त अधिकारियों को वित्तीय कार्यों का अनुभव होना आवश्यक है। चूंकि धान खरीदी का कार्य तथा ऋण वसूली का कार्य एक साथ संपादित किया जाता है। जिसका आरईओ को कोई अनुभव नहीं है जिससे कार्य में गलती हो सकती है। ऐसे में पूरा आरोप नवनियुक्त अधिकारी-कर्मचारियों पर आपेगा। जो आगामी समय में उनके लिये समस्या का कारण बनेगा।

इनका कहना है कि धान खरीदी के दौरान मुख्य समस्या धान खरीदी केन्द्र में भंडारण के समय नमी के वाष्पीकरण से वजन में अंतर आना भी है। जिसका कोई समाधान अभी तक नहीं किया जा सका है। नवंबर में खरीदी के समय धान में नमी की मात्रा 17 फीसदी होती है। जो धान उठाव तक 10 फीसदी यो उससे और नीचे चली जाती है।

राजस्व पटवारी संघ ने भी राजस्व पटवारियों की ड्यूटी धान खरीदी में नहीं लगाने के लिये प्रदेश स्तर पर पत्र सौंपा है। महासमुंद पटवारी खम्मन लाल साहू ने बताया कि प्रदेश भर के पटवारियों की ड्यूटी धान खरीदी केन्द्रों में प्रबंधक, सह धान खरीदी प्रभारी के रूप में लगाई जा रही है। चूंकि पटवारियों को धान खरीदी के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं होती। न ही अनुभव। जिससे कार्य का सही ढंग से संपादन करना मुश्किल है।

वर्तमान में सभी पटवारियों के पास सिंचाई,संगणना, फसल कटाई विशेष गहन पुनरीक्षण एसआईआर,नक्शा बटांकन, आधार सीडिंग, डिजिटल क्रॉप सर्वे के अलावा राजस्व कार्य है जिसे किया जाना अति आवश्यक है। यदि धान खरीदी में पटवारी ड्यूटी करेंगे तो उनके मूल काम प्रभावित होंगे। संघ ने मांग की है कि उन्हें धान खरीदी से पृथक रखा जाये। पटवारियों ने चेतावनी दी है कि दबाव पूर्ण डयूटी लगाई गई तो उक्त कार्य का बहिष्कार किया जायेगा।


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