महासमुन्द

कर्मचारी बेमुद्दत हड़ताल पर, सोसायटियों में ताला, नहीं मिल रहा राशन
06-Nov-2025 4:05 PM
कर्मचारी बेमुद्दत हड़ताल पर, सोसायटियों में ताला, नहीं मिल रहा राशन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 6 नवंबर। जिले भर की सोसायटियों में काम कर रहे 700 कर्मचारी तथा 182 डाटा एंटी ऑपरेटर्स सहकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 3 नवम्बर से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल के मद्देनजर सभी सोसायटी के दफ्तरों में ताला लटका हुआ है। इसके अलावा सहकारी समिति के तहत चलने वाली राशन दुकानें भी पूर्णत: बंद है। ऐसे में हितग्राहियों को राशन के लिए भटकना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि सप्ताहभर से जिले के सहकारी कर्मचारी ज्ञापन रैली के माध्यम से शासनप्रशासन को आगाह कर रहे थे। अंतत: अब लोहिया चौक में अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद है। उनके साथ सहकारी बैंक कर्मियों ने भी वेतन वृद्धि को लेकर मोर्चा खोल दिया है। बैंक कर्मी फिलहाल दफ्तरों में काली पट्टी लगाकर काम कर रहे हैं। सरकार 15 नवम्बर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी को लेकर तैयारियां प्रारम्भ कर रखी है। इस सिलसिले में विगत दिनों खाद्य सचिव छतीसगढ़ शासन की टीम ने जिले के विभिन्न समितियों का दौरा कर धान खरीदी कि आवश्यक तैयारियों का जायजा लिया था।

प्रदेश संघ के हड़ताल के आगाज के चलते प्रशासन ने समितियों में पहले से ही नए जूट बारदानें की व्यवस्था करा रखी है। ताकि हड़ताल कि वजह से समस्याएं उत्पन्न ना हो। लेकिन छतीसगढ़ सहकारी समिति महासंघ रायपुर एवं समर्थन मूल्य धान खरीदी डाटा एंट्री ऑपरेटर संघ रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश के तकरीबन 16 हजार कर्मियों ने सरकार के खिलाफ  मोर्चा खोल दिया है।

 

सहकारी समिति कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विजय कोसरे और पंकज साव का कहना है कि सरकार ने 15 नवंबर से धान खरीदी आरम्भ करने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर समितियों में कार्यरत कर्मचारियों ने धान खरीदी नीतियों को समितियों के साख के खिलाफ  बताया है। संघ ने इस बाबत प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रीगणों आदि सभी को ज्ञापन सौंपा है। इसके बावजूद कोई भी पहल सरकार द्वारा नहीं होते देख अनिश्चितकालीन आंदोलन का रुख अख्तियार किया है। आदोलनकारियों का कहना है कि अब तक 3 बार से अधिक स्मरण पत्र संगठन ने शासन-प्रशासन को दिया है। इसके पूर्व वर्षों में भी प्रबंधक कर्मियों तथा ऑपरेटर्स पृथक पृथक हड़ताल पर जाते रहे हैं। यह पहली बार है जब प्रबंधक और ऑपरेटर्स एक साथ हड़ताल पर जा रहे हैं। इससे सोसायटी का ताला खोलने वाला कर्मचारी भी सोसायटी में नहीं दिख रहा है।  मालूम हो कि प्रदेश में कुल 2058 सहकारी समितियां हैं। जहां कुल 14 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। जिसमें 2058 डाटा एंट्री ऑपरेटर्स हैं। जो धान खरीद में 3 प्रतिशत सूखत की मांग, डाटा एंट्री ऑपरेटर्स का आउटसोर्सिंग से भर्ती बंद किए जाने, मध्य प्रदेश की भांति समितियों को वेतन अनुदान देने,वर्ष 2024.25 में सूखत को मान्य करने जैसी मांगें संघ के ज्ञापन में लिखी गई है।

सहकारी समिति कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विजय कोसरे, संरक्षक पंकज साव, कौशल साहू, घनश्याम चौधरी, संतोष साहू, संतोष पटेल, प्रकाश,योगेंद्र, ईश्वर, ऋषि, रमेश, भेखराम, राजेश, मेदिनी, मनोहर आदि कर्मचारी शामिल है। श्री साव ने बताया कि महासमुंद जिले के तकरीबन 700 कर्मचारियों ने प्रदेश महासंघ के आह्वान का स्वस्फूर्त समर्थन दिया है। उन्होंने बताया कि रायपुर में हड़ताल के लिए जगह नहीं मिलने के कारण जिले के लोहिया चौक में शांतिपूर्ण हड़ताल का निर्णय लिया गया है। जिसमें रायपुर जिले के भी सहकारी कर्मी शामिल हैं। सहकारी समितियों में कार्यरत प्रबंधक, लिपिक, सेल्समैन, चपरासी, चौकीदार, ऑपरेटर के हड़ताल में शामिल होने के चलते समितियों मे पूरी तरह तालेबंदी की स्थिति रहेगी।


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