महासमुन्द

एक पाठ्यपुस्तक में दो बार कोड-कई में बार कोड की प्रिंटिंग सही नहीं, सर्वर डाउन की भी समस्या, वितरण में बाधा
03-Jul-2025 4:04 PM
एक पाठ्यपुस्तक में दो बार कोड-कई में बार कोड की प्रिंटिंग सही नहीं, सर्वर डाउन की भी समस्या, वितरण में बाधा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 3 जुलाई। नए शिक्षा सत्र के 17 दिन बीत गए, लेकिन सरकारी स्कूलों को मांग के अनुरूप पाठ्यपुस्तकें नहीं मिल पाई है । जो पाठ्यपुस्तकें मिली हैं, उनके बारकोड की स्कैनिंग  न होने से पुस्तकें वितरित नहीं हो पाई है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

मालूम हो कि बीते साल सरकारी किताबें कबाड़ खाने में मिली थीं। इसके बाद इस साल नए सत्र से शासन ने हर सरकारी किताब में एक बारकोड लगाकर भेजा है। वितरण से पहले इन किताबों में लगे बारकोड को एक ऐप के जरिए स्कैन करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन सर्वर डाउन के अलावा एक पाठ्यपुस्तक में दो बार कोड और कई पाठ्यपुस्तकों में बार कोड की प्रिंटिंग सही न होने की वजह से बारकोड स्कैन करने में दिक्कतें हो रही है। लिहाजा नया शिक्षण सत्र शुरू हुए पखवाड़ेभर से अधिक समय बीत जाने के बाद भी स्कैनिंग का काम पूरा नहीं हो पाया है। शासकीय आदेश के मुताबिक बारकोड स्कैन किए बिना किताबों के वितरण पर रोक है। ऐसे में स्कैनिंग का काम पूरा होने के बाद ही इसका वितरण हो पाएगा। शिक्षकों ने भी अपने स्तर पर पाठ्यपुस्तकों की स्कैनिंग में आ रही समस्या के विषय में विभाग में शिकायत की है। लेकिन अब तक इसमें कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। किताबों के स्कैन न होने से वितरण का काम भी अटका हुआ है। हालात यह है कि 16 दिनों बाद भी बच्चे बगैर किताबों के स्कूल पहुंच रहे हैं।

 

विभागीय जानकारी अनुसार 1 जुलाई की स्थिति में जिले में पहली से आठवीं तक 2 लाख 13 हजार 950 और 9वीं से 10वीं तक की 1 लाख 68 हजार 14 पाठ्य पुस्तकें प्राप्त हुई है। जिसमें से 2 लाख 74 हजार 275 पाठ्य पुस्तकों की स्कैनिंग 71.8 प्रतिशत हो पाई है और अभी भी 1 लाख 7 हजार 689 स्कैनिंग के लिए शेष है। इन स्कैनिंग हुई पाठ्यपुस्तकों में से 1 लाख 49 हजार 49 वितरित हो पाई है।

जानकारी के अनुसार जिले में पहली से आठवीं तक लगभग 9 लाख पाठ्यपुस्तकों की जरूरत है जिसके एवज में अभी 2 लाख 13 हजार 950 और 9वीं व 10वीं के लिए लगभग 2 लाख पाठ्यपुस्तक की मांग पर 1 लाख 68 हजार 14 पाठ्य पुस्तकें प्राप्त हुई है। पाठ्य पुस्तकों की कमी और स्कैनिंग न होने से वितरण में समस्या आ रही है जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।


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