महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 8 अक्टूबर। प्राणघातक हमला के मामले में आरोप दोष सिद्ध होने पर सत्र न्यायाधीश अनिता डहरिया ने तीन आरोपियों को धारा 307 के तहत 10-10 वर्ष सश्रम कारावास व 1-1 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर दो-दो माह का पृथक से कारावास भुगतना होगा।
अभियोजन के अनुसार जीतेश गोड़ ने सांकरा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 1 मार्च 2022 को शाम 7 बजे उसके पिता आर बी चीप सोसायटी से दूध लेकर आ रहे थे तो राजस्थानी ढाबा के आगे सुभाष नाई एवं उसके साथी गंदी-गंदी गाली देकर हाथ मुक्का तथा डंडा से उसके पिता तुलसी गोड़ के साथ मारपीट की।
कृष्णा ने जान से मारने की धमकी देते हुए दाहिए हाथ में चाकू मार दिया। जिससे उसके पिताजी को काफ ी चोट आई। किसी तरह वहां से उसके पिता जी जान बचाकर ढाबा पहुंचे। गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे रायपुर ले जाया गया। आंख में बहुत चोट लगी थी।
पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना उपरांत मामला कोर्ट को सौंपा था। जहां आरोप दोष सिद्ध होने पर तीनों आरोपियों सांकरा के वीरेंद्र नगर निवासी 21 वर्षीय कुणाल यादव, 50 वर्षीय सुभाष बारिक, 35 वर्षीय अंशुमन तांडी को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। चाकू से मारपीट कर उसके आंख में प्राणघातक चोंट पहुंचाई गई थी जिसके कारण तुलसी के आंख की रोशनी चली गई। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक भूपेंद्र चंद्राकर ने पैरवी की।