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जिला बनने के बाद पहला समर्पण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 नवंबर। राजनंादगांव रेंज के खैरागढ़ में पुलिस को नक्सल मोर्चे में एक बड़ी सफलता उस वक्त मिली, जब एक दशक पुरानी महिला नक्सली वर्दीधारी ने सरेंडर का रूख किया। महिला नक्सली पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कुल 17 लाख का ईनाम है। खैरागढ़ जिला निर्माण के बाद पुलिस के खाते में यह पहला सरेंडर है। खैरागढ़ पुलिस इस सफलता से काफी गदगद है और अन्य नक्सलियों से घर वापसी के लिए जोर लगा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को खैरागढ़ में आईजी अभिषेक शांडिल्य और एसपी लक्ष्य शर्मा की मौजूदगी में कमला सोड़ी उर्फ उंगी उर्फ तरूणा (30 वर्ष) ने वामपंथी विचारधारा को त्यागकर मुख्यधारा में वापसी की।
बताया गया कि उक्त महिला नक्सली 14 साल से नक्सल संगठन से जुड़ी रही। उक्त महिला नक्सली विभिन्न दंडकारण्य क्षेत्र एवं एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन में संगठनात्मक और हिंसक गतिविधियों में भी शामिल थी। वह नक्सल संगठन से जुडक़र मिलिट्री हार्डकोर सदस्य के रूप में कार्यरत थी। साथ ही भर्ती, प्रचार और पुलिस बलों पर हमले की योजना में संलिप्त थी। इधर उक्त महिला नक्सली के समर्पण में खैरागढ़-छुईखदान-गंडई पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। इधर आईजी अभिषेक शांडिल्य ने आत्मसर्पित महिला नक्सली तरूणा को छग शासन की नक्सलाद उन्मूलन नीति के अंतर्गत 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की।
नक्सल संगठन से जुड़ी रही 14 साल
मिली जानकारी के मुताबिक कमला सोड़ी 14 साल वर्ष 2011 से माओवादी संगठन से सक्रिय रूप से जुड़ी रही। इस दौरान उसने विभिन्न दंडकारण्य क्षेत्र एवं एमएमसी जोन में संगठनात्मक एवं हिंसक गतिविधियों में भाग लिया। नक्सल संगठन से जुडक़र वह मिलिट्री होर्डकोर सदस्य के रूप में कार्यरत थी तथा भर्ती, प्रचार और पुलिस बलों पर हमले की योजना में संलिप्त थी।
टीम की रही प्रमुख सदस्य
बताया गया कि कमला सोड़ी प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के माड़ डिवीजन बस्तर एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन से संबंधित कैडर रही है। वह संगठन की सक्रिय सदस्य होने के साथ-साथ एमएमसी जोन प्रभारी रामदर की टीम की प्रमुख सदस्य के रूप में कार्यरत थी। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा उस पर कुल 17 लाख का संयुक्त इनाम घोषित किया गया था। कमला मूल रूप से अरलमपल्ली तहसील कोटा जिला सुकमा छत्तीसगढ़ की रहने वाली है और वर्ष 2011 से माओवादी संगठन से जुड़ी हुई थी। वह छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गोंदिया जिला) और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय रूप से नक्सली गतिविधियों में संलिप्त थी।
समर्पित नक्सली को मिला 50 हजार प्रोत्साहन राशि
मिली जानकारी के अनुसार आत्मसमर्पित महिला नक्सली को छत्तीसगढ़ शासन की नक्सलवाद उन्मूलन नीति के अंतर्गत 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि तत्काल प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त शासन की पुनर्वास नीति-2025 के तहत अन्य सुविधाएं प्रदान किए जाने हेतु आवश्यक कार्रवाई के लिए वरिष्ठ कार्यालय पत्र व्यवहार की जा रही है।
पुलिस चला रही अभियान
पुलिस ने बताया कि केसीजी पुलिस टीम द्वारा नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। समय-समय पर सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल प्रभावित गांवों में सिविल एक्शन कार्यक्रम चलाकर शासन की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 से प्रदाय सुविधाएं व लाभ जानकारी बैनर-पोस्टर व पाम्प्लेट आदि के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप महिला नक्सली द्वारा स्वयं शासन के आत्मसर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 का लाभ लेने पुलिस अधीक्षक के समक्ष समाज की मुख्यधारा में जुडक़र जीवनयापन करने आत्मसर्पण कर रहे हैं।


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