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2025 में तीन से अधिक घटनाएं दर्ज, हर बार वजह बनी तकनीकी खामी और लापरवाही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 4 नवंबर। बिलासपुर रेल जोन और इस मार्ग की ट्रेनों में रेल हादसों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। साल 2025 में अब तक तीन से अधिक हादसे दर्ज हो चुके हैं, जिनमें कुछ मामूली तो कुछ बेहद खतरनाक रहे। हर बार रेलवे प्रशासन तकनीकी खराबी या मानवीय लापरवाही को जिम्मेदार ठहराता है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के दावे अधूरे साबित हो रहे हैं।
बीते माह अक्टूबर 2025 में कोरबा जिले के मड़वारानी स्टेशन के पास एक बड़ा हादसा टल गया था। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के पहियों में अचानक भारी लोहे का एंगल फंस गया, जिससे ट्रेन रुक गई और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। रेल कर्मचारियों ने गैस कटर से घंटों की मशक्कत के बाद एंगल को हटाया। यदि देरी होती, तो यह घटना एक भीषण त्रासदी बन सकती थी।
जून 2025 में दल्लीराजहरा-कुसुमकसा रेल लाइन पर एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर दिया। रेल पटरी के किनारे बैठे पांच युवक, थकान के कारण वहीं सो गए थे। अचानक ट्रेन आने से दो युवकों की मौके पर मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए।
इसी तरह अप्रैल 2025 में बीकानेर से बिलासपुर जा रही ट्रेन में अचानक आग लग गई। हादसा मध्य प्रदेश के उज्जैन के पास हुआ। आग इतनी तेजी से फैली कि दो डिब्बे पूरी तरह जलकर राख हो गए।
हालांकि फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई से बड़ा नुकसान टल गया और किसी की जान नहीं गई। इस घटना ने एक बार फिर रेल सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर कर दिया।
मई 2025 में कोरबा जिले में बिलासपुर से कोरबा जा रही मेमू लोकल ट्रेन गलत सिग्नल के कारण कोयला खदान की लोडिंग साइडिंग तक जा पहुंची।
जब यात्रियों को पता चला कि ट्रेन अपने निर्धारित स्टेशन के बजाय खदान के भीतर पहुंच गई है, तो सभी हैरान रह गए। बाद में रेलवे ने ट्रेन को वापस बुलाकर स्थिति संभाली। यह लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती थी। आज 4 नवंबर को भी मेमू ट्रेन मालगाड़ी से ही टकराई है।


