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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बलौदाबाज़ार / पिथौरा, 4 नवंबर। बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य से सटे हरदी गांव में आज सुबह अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब ग्रामीणों ने खेतों के पास बने एक पुराने कुएं में चार हाथियों को फंसा देखा। इनमें एक मादा, दो नर और एक शावक शामिल हैं। सुबह-सुबह खेत की ओर जा रहे ग्रामीणों ने हाथियों की चिंघाड़ सुनी और तुरंत वन विभाग को सूचना दी। वन कर्मियों ने जेसीबी से रास्ता बनाया और कई घंटों की मशक्कत से सुरक्षित निकाला।
यह घटना उस समय सामने आई, जब हाथियों का दल देर रात जंगल से भटककर गांव की ओर पहुंच गया। बताया जा रहा है कि खेतों के किनारे पुराना कुआं खुला पड़ा था, जिसमें बारिश का पानी भरा हुआ था। इसी दौरान झुंड में चल रहे चार हाथी उसमें गिर गए।
खेत में पहुंचे किसान ने पहले देखा
हरदी गांव के रहने वाले किसान टिकेश्वर ध्रुव ने बताया कि सुबह लगभग 5 बजे खेत में पानी का मोटर चालू करने पहुंचे तो दूर से हाथियों के चिंघाडऩे जैसी आवाज आई। पहले तो लगा जंगल से आवाज आ रही है, लेकिन पास जाकर देखा तो चार हाथी कुएं में फंसे थे. एक शावक ऊपर आने की कोशिश में था, पर बार-बार फिसल जा रहा था। जिसके तुरंत बाद किसान ने गांव के दूसरे लोगों को बुलाया और वन विभाग को सूचना दी। आसपास के गांवों चरौदा, रेंकाभाठा और मुड़पारसे भी लोग मौके पर पहुंच गए।
सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी अपनी टीम के साथ हरदी पहुंचे। टीम ने पहले इलाके की घेराबंदी की ताकि अन्य हाथियों को पास न आने दिया जाए, क्योंकि पास के जंगल में अभी भी हाथियों का झुंड मौजूद बताया जा रहा है।
हालात देखते हुए वन विभाग द्वारा रैंप तैयार किया गया, जिसके माध्यम से चारों हाथी बारी बारी से बाहर निकल आये। रेस्क्यू ऑपरेशन के उपरांत सभी पुन: जंगल की ओर चले गए और सुरक्षित रूप से निकटस्थ वन क्षेत्र में वे अपने समूह से पुन: जा मिले। विभागीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सभी हाथी पूरी तरह स्वस्थ हैं और किसी भी प्रकार की चोट नहीं आई है।
इस मौके पर मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) स्तोविषा समझदार भी घटनास्थल पर पहुँचीं और रेस्क्यू की पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण किया। उन्होंने विभागीय टीम की त्वरित कार्रवाई और उत्कृष्ट समन्वय की सराहना की।
यह पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार धम्मशील गणवीर की उपस्थिति एवं मार्गदर्शन में, तथा अधीक्षक बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य कृषानू चन्द्राकर के नेतृत्व में संचालित किया गया। विभागीय टीम ने रातभर सतर्कता और समर्पण के साथ कार्य करते हुए इस जटिल रेस्क्यू को सफलता पूर्वक अंजाम दिया।
बारनवापारा क्षेत्र में हाथियों का लगातार मूवमेंट
वन विभाग के अनुसार, मानसून के बाद हाथियों के झुंड भोजन और पानी की तलाश में जंगल की सीमा से बाहर आ जाते हैं। चूंकि बारनवापारा का इलाका वन्यजीवों के लिए खुला और हरियाली से भरपूर है, इसलिए यहां उनकी गतिविधियां अक्सर बढ़ जाती हैं। ग्रामीण इलाकों में खुले कुएं हाथियों और अन्य वन्यजीवों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। दरअसल कई बार हाथी रात में पानी पीने या ठंडक पाने के लिए खेतों की ओर चले जाते हैं. अंधेरे में वे खुले कुएं में गिर जाते हैं।


