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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 3 नवंबर। देश दुनिया में भारत का परचम लहराए और उसमें छत्तीसगढ़ या रायपुर की हिस्सेदारी न हो यह असंभव है। कल भी ऐसा ही हुआ। नवीं मुंबई में महिला विश्व कप क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीकी महिला टीम को धूल चटाने वाली हरमनप्रीत कौर की जांबाज टीम में अपने रायपुर की बेटी भी शामिल रही। भले बैट और बाल से न सही, टीम की सेहत और स्टैमीना के साथ। आज खेलों में प्रदर्शन के साथ मजबूत स्टैमिना का भी उतना ही बड़ी भूमिका है। हरमनप्रीत और 16 शेरनियों को मैच की आखिरी गेंद तक टफ बनाए रखने वाली फिजियो जी.आकांक्षा रायपुर की बेटी(बहू) है। गुढिय़ारी के भारत माता चौक के पास रहने वाले गुम्मलूरि (जी) चंद्रशेखर एवं ज्योति दम्पति की बहू है।
इस टूर्नामेंट के लिए आकांक्षा भी टीम के साथ पिछले कई महीनों से अनथक मेहनत कर रही थी।जो कल सफल हुई। उनकी भूमिका कितनी खास रही कि हाथ में ट्राफी आने के बाद सेमीफाइनल की स्टार बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स ने आकांक्षा को बुला कर उनके साथ फोटो खिंचवाई। आकांक्षा साल 2016-17 से भारतीय महिला क्रिकेट टीम के साथ जुड़ी है। वह सबसे पहले अंडर 19 टीम के साथ जुड़ी उसके बाद आकांक्षा महिला टीम के तीनों फार्मेट यानी टी-20, वनडे, और टेस्ट मैच के लिए फिटनेस एक्सपर्ट बना दी गई। आकांक्षा का बचपना और स्कूल की पढ़ाई कवर्धा में पूरी की। उनके पिता श्यामदास सत्यवंशी कवर्धा ने पीएचई के एई रहे। आकांक्षा ने अपने मित्र निखिलेश कुमार राव को जीवनसाथी बनाया, जो बैंग्लोर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। आकांक्षा का भारतीय टीम से जुडऩे का सफर बड़ा रोचक रहा। उनके ससूर जीचंद्रशेखर ने 'छत्तीसगढ़Ó को बताया कि आकांक्षा रायपुर मेडिकल कॉलेज से पास ऑउट है। वह 2016 से पहले एम्स रायपुर में सेवारत थी। उसके बाद क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की चयन परीक्षा दी, और चुनी गई थीं। इस परीक्षा में देशभर की फिटनेस एक्सपर्ट शामिल हुई थीं। आकांक्षा, और भारतीय टीम की इस उपलब्धि पर ससूर, और सास दोनों ही इस समय बधाईयों से घिरे हुए हैं। आकांक्षा रायपुर कब आएंगी यह वे बता नहीं पा रहे हैं। फिलहाल वह टीम के साथ जश्न मना रही हैं।



