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सिम्स के डॉक्टरों ने पोलियो पीड़ित महिला की जान बचाई,16 सप्ताह के गर्भ के आकार का ट्यूमर निकाला
30-Oct-2025 12:08 PM
सिम्स के डॉक्टरों ने पोलियो पीड़ित महिला की जान बचाई,16 सप्ताह के गर्भ के आकार का ट्यूमर निकाला

आयुष्मान योजना के तहत हुआ निःशुल्क इलाज, निजी अस्पतालों ने खड़े कर दिए थे हाथ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 30 अक्टूबर।
छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स), की विशेषज्ञ टीम ने एक पोलियो पीड़ित महिला की जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जो न केवल जोखिमपूर्ण थी बल्कि कई निजी अस्पतालों ने इसे करने से इंकार कर दिया था।

मरीज दोनों पैरों में पोलियो से ग्रस्त है और रीढ़ की हड्डी में गंभीर विकृति के कारण उनका चलना-फिरना बेहद मुश्किल हो गया था। वे पिछले कई महीनों से पेट में तेज दर्द और असहनीय तकलीफ झेल रही थीं। शहर के कई अस्पतालों में इलाज कराने के बावजूद उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ, क्योंकि डॉक्टर सर्जरी के जोखिम को देखते हुए ऑपरेशन करने से हिचक रहे थे। अंततः सिम्स की चिकित्सक टीम ने यह चुनौती स्वीकार की और सफल ऑपरेशन कर उन्हें नई जिंदगी दी।

जांच के दौरान पता चला कि महिला के गर्भाशय में लगभग 16 सप्ताह के गर्भ के आकार का बड़ा ट्यूमर था। सर्जरी के दौरान इस ट्यूमर को सुरक्षित रूप से निकाल दिया गया। खास बात यह रही कि यह पूरी सर्जरी आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क की गई।

ऑपरेशन का नेतृत्व डॉ. संगीता रमन जोगी, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने किया। उनकी टीम में डॉ. दीपिका सिंह, डॉ. रचना जैन (एसोसिएट प्रोफेसर) और डॉ. दीक्षा चंद्राकर (पीजी रेज़िडेंट) शामिल थीं। एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. मधुमिता मूर्ति, विभागाध्यक्ष, एनेस्थीसिया विभाग ने किया। टीम में डॉ. भावना रॉयजादा, डॉ. श्वेता कुजूर, डॉ. मिल्टन देबर्मन और डॉ. सुरभि बंजारे शामिल रहीं, जिन्होंने अत्यंत जटिल परिस्थितियों में भी एनेस्थीसिया को कुशलता से प्रबंधित किया।

सर्जरी के बाद महिला की स्थिति पूरी तरह स्थिर है और वह तेजी से स्वस्थ हो रही हैं।

इस अवसर पर सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने कहा कि यह सर्जरी सिम्स की चिकित्सा क्षमता, टीमवर्क और विशेषज्ञता का प्रमाण है।  


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