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एक आरोपी फरार, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 29 अक्टूबर। जिले के जंगलों में वन्यजीवों का अवैध शिकार लगातार बढ़ता जा रहा है। करतला के बाद अब पाली वन परिक्षेत्र के मुरली बीट से जंगली सुअर और चीतल के शिकार का मामला सामने आया है। वन विभाग की टीम ने मौके पर दबिश देकर तीन शिकारियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी फरार बताया गया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से मांस और शिकार में इस्तेमाल औजार जब्त किए गए हैं। सभी के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9 और 39 के तहत कार्रवाई की गई है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम चोढ़ा के कुछ ग्रामीणों ने जंगल में जाल बिछाकर जंगली सुअर और चीतल का शिकार किया। शिकार के बाद उन्होंने आपस में मांस का बंटवारा कर पकाया और खाया। इनमें से एक आरोपी बचे हुए मांस को बेचने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिलने पर पाली रेंजर संजय लकड़ा ने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। वनमंडलाधिकारी कुमार निशांत के निर्देश पर टीम ने छापा मारकर तीन लोगों को पकड़ा।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान भागवत गोंड़ रामबती सरोटिया और लच्छाम के रूप में हुई है। फरार आरोपी का नाम रमाशंकर, निवासी ग्राम मुरली बताया गया है। वन अमले ने उनकी निशानदेही पर मांस, जाल और अन्य शिकार उपकरण बरामद किए हैं।
जुलाई माह में करतला वन परिक्षेत्र के ग्राम संडेल में भी वन विभाग ने पांच शिकारियों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से भी जंगली सुअर का मांस और औजार बरामद किए गए थे। जांच में यह बात सामने आई कि शिकार में शामिल एक आरोपी जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम कंडरा से आया था, जिससे यह स्पष्ट है कि शिकार का नेटवर्क अंतरजिला स्तर पर फैला है।


