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पर्यावरण प्रेमी सिंघवी ने उठाई कार्रवाई की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 अक्टूबर। बलौदाबाजार वनमंडल के अर्जुनी परिक्षेत्र में दिवाली के दो दिन बाद एक विदारक घटना सामने आई। यहां शिकारियों ने एक गर्भवती बायसन (गौर) को करंट लगाकर मार डाला और उसका सिर-पैर काट दिए। मृत बायसन के पेट में विकसित भ्रूण भी मौजूद था।
रायपुर के पर्यावरण कार्यकर्ता नितिन सिंघवी ने इस घटना को लेकर वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि त्योहारी सीजन में शिकार की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए उन्होंने पहले ही विभाग को सतर्क किया था। यह घटना वन विभाग की लापरवाही को उजागर करती है, क्योंकि पहले से चेतावनी दिए जाने के बावजूद कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए।
सिंघवी ने अपने पत्र में लिखा कि उन्होंने चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) को कई दिन पहले ही आगाह किया था कि दिवाली और शरद पूर्णिमा के बीच के समय में शिकार की घटनाएं तेजी से बढ़ती हैं, क्योंकि इस दौरान फील्ड स्टाफ की सक्रियता कम हो जाती है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि स्निफर डॉग स्क्वॉड को बारनवापारा अभ्यारण्य जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भेजा जाए, जिससे शिकार रोकने में मदद मिले।
पर्यावरण कार्यकर्ता का आरोप है कि विभाग ने उनके पत्र को केवल औपचारिकता के तौर पर आगे बढ़ा दिया और कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि यदि उस समय स्निफर डॉग की तैनाती होती, तो संभवतः बायसन और उसके अजन्मे बच्चे की जान बचाई जा सकती थी।
सिंघवी ने कहा कि इस साल दिवाली के एक दिन बाद रायगढ़ वनमंडल में भी इसी तरह की लापरवाही से एक हाथी की मौत हुई थी। जंगली सूअर के शिकार के लिए बिछाए गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से हाथी की जान चली गई थी।
उन्होंने कहा कि विभाग का वाइल्डलाइफ विंग अब संरक्षण के बजाय इको-टूरिज्म प्रोजेक्ट्स पर अधिक ध्यान दे रहा है, जबकि उसका प्राथमिक दायित्व वन्यजीवों की सुरक्षा है। उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल निर्देश जारी करे कि विभाग शिकार रोकथाम, एंटी-पोचिंग उपायों और वन्यजीव संरक्षण पर केंद्रित हो तथा सभी अभयारण्यों और टाइगर रिज़र्व में प्रशिक्षित स्निफर डॉग स्क्वॉड तैनात किए जाएं।



