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नयी दिल्ली, 12 जुलाई। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने शनिवार को नेशनल हेराल्ड मामले की सुनवाई कर रही अदालत से कहा कि यंग इंडियन लिमिटेड धन शोधन में लिप्त थी और उसे चंदा देने से लोगों को कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए टिकट हासिल करने में मदद मिली।
राजू ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष अपनी प्रत्युत्तर दलीलें शुरू करते हुए अभियोजन शिकायत में दिये गए एक बयान का हवाला दिया, जिसमें व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि यंग इंडियन के लिए धन की व्यवस्था करने से अप्रैल-मई 2019 में होने वाले आम चुनाव लड़ने के लिए टिकट हासिल करने में मदद मिल सकती है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने उस व्यक्ति के बयान का भी हवाला दिया, जिसके अनुसार, उसे 50 लाख रुपये का इंतजाम करके यंग इंडियन के बैंक खाते में जमा करने को कहा गया था, जिसके बदले उसे नकद में उतनी ही राशि वापस की जानी थी।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल द्वारा उद्धृत बयान के अनुसार, उस व्यक्ति ने यंग इंडियन के खाते में 20 लाख रुपये जमा किए और उतनी ही राशि नकद प्राप्त की।
राजू ने कहा, ‘‘यंग इंडियन धन शोधन में लिप्त थी। चंदा देने वाले किसी भी व्यक्ति को टिकट दिया जाता था।’’
उन्होंने अभियोजन पक्ष की शिकायत के कुछ अंशों का भी हवाला दिया, जहां जांच के अनुसार, कुछ दानदाताओं ने ‘पार्टी राजनीति’ में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर यंग इंडियन को भुगतान किया था, और इनमें से कई दानदाताओं को यंग इंडियन के उद्देश्यों की जानकारी नहीं थी।
राजू ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर दान दिया। उन्हें न तो यंग इंडियन के बारे में पता था और न ही उसके उद्देश्य के बारे में। यंग इंडियन को तब भी भारी मात्रा में दान मिला, जब आयकर विभाग ने उसकी परमार्थ संस्था का दर्जा रद्द कर दिया था।’’
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया और राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस, साथ ही सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी, यंग इंडियन पर नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों के धोखाधड़ी से अधिग्रहण की साजिश और धन शोधन का आरोप लगाया है।
ईडी का आरोप है कि यंग इंडियन में गांधी परिवार के 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले एजेएल की संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़प लिया।
ईडी के आरोपपत्र में सोनिया और राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन, सुमन दुबे, सुनील भंडारी और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
एएसजी राजू ने सवाल किया कि डोटेक्स घाटे में चल रही यंग इंडियन को एक करोड़ रुपये का ऋण क्यों देगा।
राजू ने कहा, ‘‘ऋण देने से पहले कोई मूल्यवान संपत्ति या कोई जमानत नहीं ली गई। आप (डोटेक्स) एक ऐसी संस्था को ऋण दे रहे हैं, जिससे ऋण वसूल नहीं किया जा सकता। कोई जमानत, गिरवी, कुछ भी नहीं लिया गया। डोटेक्स उतना साफ-सुथरा नहीं है, जितना दिखाया जा रहा है। सहायता करना भी एक अपराध है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने गुप्त तरीके से एजेएल को 90 करोड़ रुपये का ऋण हस्तांतरित किया था और ‘‘ऋण एक दिखावा था।’’
राजू की दलील पूरी होने के बाद, अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया। (भाषा)