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जांच कर्ता पर भी उठ रही उंगली
रायपुर, 6 मई। डाक विभाग ने मुख्य डाकघर चांपा (जांजगीर) के लिपिक को गबन के मामले में निलंबित कर दिया है ।
इस पर पिछले कुछ माह से 12 लाख से अधिक के गबन को लेकर जांच चल रही थी।लिपिक का निलंबन आदेश शनिवार को जारी किया गया है। इसे पहले सक्ती उप डाकघर अटैच किया गया था । और उसके बाद निलंबित किया गया।
इस लिपिक के निलंबन से अधिक इस मामले की जांच को लेकर विभाग में चर्चा है। सर्किल आफिस के सूत्रों ने बताया कि यह जांच कांपिटेंट अफसर के बजाए उनसे कम पद के कनिष्ठ अफसर से कराई गई । परिमंडल कार्यालय में सहायक अधीक्षक इन्वेस्टिगेशन के पद को डाउन ग्रेड कर एक निरीक्षक को पदस्थ किया गया है l जिससे इन्वेस्टिगेशन सही तरीके से फ्रॉड की जांच का कार्य नहीं हो पा रहा है। यह निरीक्षक परिमंडल स्तर के एक आला अधिकारी का करीबी भी है। उसकी पोस्टिंग के लिए ही पद को डाउन ग्रेड किया गया। दैनिक छत्तीसगढ ने पिछले सप्ताह की पदों को डाउनग्रेड करने को लेकर एक बड़ा खुलासा किया था। इसी सिलसिले में सहायक अधीक्षक कोरबा उपसंभाग में भी दो साल से डाउन ग्रेड कर निरीक्षक पद वाले चहते कर्मचारी/ अधिकारी को पोस्टिंग दी गयी है। इस डाउन ग्रेड के वजह सेकम ओहदे वाले अधिकारी अनुभवहीन होने से जांच नहीं कर पाते हैं।
इसे लेकर विभाग में उच्च स्तर पर ऐसे उदाहरण हैं जहां डाक महानिदेशालय स्तर पर कार्रवाई हो चुकी है। पूर्व में ऐसे एक पद को डाउन ग्रेड करने को लेकर
छत्तीसगढ़ के एक पूर्व निदेशक को डाक भवन नई दिल्ली ने उन्हें ही डाउन ग्रेड में पोस्टिंग कर हटाया दिया था। इससे सबक न लेते हुए वही कहानी लगातार दोहराई जा रही है ।इससे विभाग को कर्मचारी लाखों की चपत लगा रहे और विभाग की छवि भी खराब हो रही है ।