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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 मार्च। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वंदना चौधरी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। कार्रवाई कलेक्टर के निर्देश पर की गई है। इसके साथ ही, डॉ. चौधरी की परिवार नियोजन (टीटी) और एमटीपी (गर्भपात संबंधी शल्य चिकित्सा) सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब इन सेवाओं की जिम्मेदारी डॉ. रमा घोष और डॉ. ममता सलूजा को सौंपी गई है।
दरअल, बिलासपुर जिला अस्पताल के 100 बिस्तरीय मातृ एवं शिशु अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर चौधरी पर इलाज के नाम पर मरीज से 6 हजार रुपये मांगने का आरोप लगा है। अस्पताल में भर्ती एक महिला मरीज और डॉक्टर के बीच कथित बातचीत का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में मरीज और उसके परिजन डॉक्टर को 2 हजार रुपये देने और शेष 4 हजार रुपये देने में असमर्थता जताने की बात कह रहे हैं। इस पर डॉक्टर ने फोन पर मरीज के परिजनों से अभद्र व्यवहार किया। पीड़ित महिला के परिवार ने इस घटना की शिकायत कलेक्टर से की। सिविल सर्जन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
ग्राम सेमरचुआ निवासी संतोष पटेल की पत्नी जामंत्री पटेल को 19 मार्च को नसबंदी के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां डॉ. वंदना चौधरी ने उनकी शल्य चिकित्सा की। मरीज के अनुसार, डॉक्टर ने इलाज के नाम पर 6 हजार रुपये की मांग की थी। परिवार ने किसी तरह 2 हजार रुपये दे दिए, लेकिन बाकी 4 हजार रुपये आर्थिक तंगी के कारण नहीं दे पाने पर डॉक्टर ने महिला को बार-बार फोन कर प्रताड़ित किया। सिविल सर्जन डॉ. गुप्ता ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी।